कुछ दिन पहले जिस तरह देश मे मोदी के नाम की आँधी चल रही थी आजकल दिल्ली मे वेसा ही तूफानकेजरीवाल के नाम का शुरू हो गया है| कुछ दिन पहले चारो तरफ़ सिर्फ नमो नमो ही सुनाई दे रहा था लेकिन आजकल “पाँच साल केजरीवाल” का नारा भी दिल्ली मे ज़ोर पकड़ रहा है| जिस तरह अचानक दिल्ली मे राजनैतिक हवाओं ने अपना रुख़ बदला उसको देख कर लगता है की आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है|
जिस किरण बेदी को मोदी और अमित शाह राजनैतिक शतरंज की रानी बना कर लाये थे उसपर केजरीवाल जेसा एक छोटा हा प्यादा भारी प़ड़ रहा है , भाजपा की और से किरण बंदी को मुख्यमंत्री घोषित करने का उल्टा असर पड़ा क्यूकी बहुत से भाजपाई इस बात से नाराज़ हो गए की वरिष्ट नेताओ की अनदेखी करके किरण बेदी को लाया गया है और नतीजा ये हुआ की भाजपा के बहुत से कार्यकर्ता भी केजरीवाल को जीताने मे जुट गए है|
लोकसभा मे मोदी के सामने चुनाव लडकर केजरीवाल ने जो अपनी किरकिरी करायी थी उसको देखकर लगने लगा था अब कभी आम आदमी की पार्टी की सरकार नही बन पायेगी मगर दिल्ली कब किसका राजतिलक कर दे ये समझ पाना राजनैतिक दिग्गजो के भी बस की बात नही| मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देने और पूरे देश मे लोकसभा चुनाव लड़ने के फ़ैसले ने आम आदमी पार्टी के मतदाता को इस कदर निराश किया था की उन लोगो ने केजरीवाल को हीरो से ज़ीरो बना दिया | मगर केजरीवाल के पास एक बहुत बड़ा शास्त्र है वो है उसका आम आदमी होना, केजरीवाल बहुत ही सरलता से लोगो को ये बात समझाने मे कामयाब हो गए की मुझसे ग़लती हो गयी क्यूकी मे कोई राजनेता नही हू बल्कि आप लोगो की ही तरह एक आम आदमी हू और आम आदमी से ग़लती हो सकती है |
केजरीवाल के माफी मॅगने का असर ये हुआ की फिर से दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को शायद एक मोका देने का फेसला क्र लिया है| लगभग सभी सर्वे के अनुसार आम आदमी पार्टी 35 से 40 सीटो पर जीत हासिल कर रही है, अगर दिल्ली के चुनाव के नतीजे इन्ही सर्वे के अनुसार आते है तो मोदी और शाह की ये आज तक की सबसे बड़ी हार होगी क्यूकी जबसे मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी समहाली है तबसे उनके नेतरत्व मे जो भी चुनाव लड़ा गया उसमे उन्होने जीत ही हासिल की है और अमित शाह ने भी जबसे बाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी समहाली है तबसे पार्टी हर चुनाव मे जीत हासिल करती चली आ रही है |
अगर ग़लती से भी भाजपा ये चुनाव हर जाती है तो मिडिया को मोदी और शाह के खिलाफ बोलने का एक बड़ा मोका मिला जाएगा | शायद केजरीवालकी जीत से भी ज़्यादा मोदी के हारने की चर्चा मिडिया मे होगी | बहरहाल परिणाम कुछ भी हो दिल्ली मे मुकाबला रोचक हो गया है और देखना ये है की जीत किसको हासिल होती है |
अमित कुमार राणा आड्वोकेट