कानून रिव्यू/नई दिल्ली
————————-सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण संबंधी शिकायतों का हल नहीं निकालने वाली स्थानीय एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। किसी ना किसी को जेल भेजा जाना चाहिए यही एक तरीका है। इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि वह यह कदम उठाएगी। प्रदूषण के खिलाफ मोर्चा लेने को सीपीसीबी के बनाए मोबाइल एप समीर के जरिए अब तक करीब 4000 लोगों ने प्रदूषण बढ़ाने वाले वाहनों और निर्माण की शिकायतें की हैं। जबकि सोशल मीडिया पर 749 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों पर स्थानीय एजेंसियों ने एक्शन लेकर कार्रवाई की। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई में प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुराने वाहनों को लेकर दिल्ली सरकार की रिपोर्ट पेश की गई थी। सरकार ने कहा था कि 7 मई 2015 के एनजीटी के आदेश के मुताबिक पेट्रोल और डीजल के 10 और 15 साल पुराने वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। दिल्ली सरकार ने कमर्शियल वाहनों पर आरएफ टैग लगाने को लेकर अतिरिक्त समय की मांग की थी। कोर्ट ने कहा था कि साढ़े तीन साल बाद भी सरकारें इंतजाम नहीं कर पाईं।