हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपी को सरकारी स्कूल में 50 पेड़ लगाने होंगे। आरोपी शख्स ने भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज उत्पीड़न, गलत तरीके से रास्ता रोकने और शरारत के आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत मांगने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसी मामले में सह.आरोपी को निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। इसे आधार बनाकर उसने अपने लिए भी अग्रिम जमानत मांगी। इस मामले में पिछले साल कनॉट प्लेस पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
——————————–दिल्ली हाई कोर्ट ने एक आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए 50 पेड़ लगाने का अनोखा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपी को सरकारी स्कूल में 50 पेड़ लगाने होंगे। आरोपी शख्स ने भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज उत्पीड़न, गलत तरीके से रास्ता रोकने और शरारत के आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत मांगने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसी मामले में सह.आरोपी को निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। इसे आधार बनाकर उसने अपने लिए भी अग्रिम जमानत मांगी। इस मामले में पिछले साल कनॉट प्लेस पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अग्रिम जमानत को लेकर न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि स्कूल के प्रधानाचार्य को सुनिश्चित करना होगा कि पौधारोपण का काम हो और जांच अधिकारी को अदालत में अनुपालन संबंधी रिपोर्ट दायर करनी होगी। अदालत ने गौर किया कि शख्स ने पूर्वी दिल्ली के चंद्र नगर के एक सरकारी स्कूल के पास दो हफ्ते के भीतर खुद नीम के 25 और पीपल के 25 पेड़ लगाने की पेशकश अपने वकील के जरिए अदालत में रखी। साथ ही अदालत ने यह भी साफ किया कि गिरफ्तारी से पहले मिली जमानत की छूट का गलत फायदा उठाने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने पर राज्य के पास इस आदेश को रद्द करने की आजादी होगी। अदालत ने कहा कि वह मामले के गुण.दोष पर कुछ नहीं कह रही है। साथ ही उसने 17 दिसंबर 2018 के अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया, जिससे व्यक्ति की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी।