इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संशोधन अध्यादेश 2018 को मंजूरी
कानून रिव्यू/ नई दिल्ली
————————–दिवालिया कानून से संबंधित अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इससे घर खरीदारों के साथ अब कर्जदाता यानी लेनदार की तरह व्यवहार किया जाएगा। इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संशोधन अध्यादेश 2018 को मंजूरी मिलने के बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया है कि इस अध्यादेश से घर खरीदारों को कर्जदाता का दर्जा मिलने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। इससे उन्हें कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स सीओसी में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे नीति निर्धारण प्रक्रिया का अहम हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा घर खरीदार दोषी बिल्डरों के खिलाफ धारा.7 का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। धारा-7 ऋणदाताओं को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है। यानी यदि कोई रियल एस्टेट कंपनी यदि दिवालिया घोषित होती है तो उसकी नीलाम की गई संपत्ति में उन खरीदारों का भी एक तय हिस्सा होगा, जिन्होंने घर पाने के लिए कंपनी को एडवांस में मोटी रकम दी है। इस कानून के तहत लघु, छोटे और मझोले उद्योगों एमएसएमई को भी फायदा होगा क्योंकि इसमें इन उद्योगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार अब जरूरत पड़ने जनहित में उन एमएसएमई क्षेत्र को दिवालिया कानून से बाहर रख सकती हैए जिन्होंने प्रोजेक्ट में निवेश किया है।