यूपीकोका-2017 कानून से गैंग बना कर अपराध करने वाले गुंडे और माफियाओं की वाकई कमर टूट जाएगीः भाटी
मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
———————————————-गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक और औद्योगिक जिला है। यहां की कानून व्यवस्था की सीधी गूंज लखनउ सत्ता के गलियारों तक पहुंचती है। राजधानी दिल्ली से सटा होने के नाते शहरवासी दिल्ली की तर्ज पर कानून व्यवस्था चाक चौबंद होने की उम्मीद करते हैं। कानून व्यवस्था को जब बदमाश चुनौती देते हैं तो जिला क्राइम सिटी बन कर रह जाता है। पिछले एक दशक से यहां बदमाशों का जादू सिर चढ कर बोलता रहा है। कानून व्यवस्था से प्रत्येक व्यक्ति, चाहे जिस क्षेत्र से भी जुडा हो, उसका जरूर सरोकार होता है। इसलिए हर व्यक्ति से एक नया विचार निकल कर आ सकता है। इस हाईटेक शहर की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के लिए समाज,कला संगीत, विज्ञान, शिक्षा,खेल और राजनीति आदि क्षेत्रों से जुडे लोगों से विचार जानेंगे। इस कडी में ’कानून रिव्यू’ ने -’कानून व्यवस्था पर एक नजर’- विशेष कॉलम शुरू किया है। इस बार समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी व धर्मार्थ जन सेवा समिति के अध्यक्ष ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी से कानून रिव्यू ने खास बातचीत की हैं आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
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जीवन परिचयः-
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नामः–ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी
पिता का नामः– स्व0 मास्टर समय सिंह भाटी
जन्म तिथिः- 01 जनवरी सन 1958
मूल स्थानः- ग्राम वैलाना, जिला- बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
शिक्षाः-एम0कॉम0
वर्तमान पताः– कसबा दनकौर, जिला- गौतमबुद्धनगर
पदः- अध्यक्ष धर्मार्थ जनसेवा समिति
उल्लेखित कार्यः-
1ः–प्रत्येक माह की 13 तारीख को ग्राम वैलाना, जिलाः- बुलदंशहर में निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन कराना।
2ः– गरीब और बेसहारा लोगों के मोतियाबिंद के निशुल्क ऑपरेशन कराना।
3ः- वार्षिक सम्मान समारोह का आयोजन कर छुपी हुई प्रतिभाओं को पुरस्कृत कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करना।
4ः- समाज के लिए उल्लेखित कार्य करने वाले लोगों को वार्षिक सम्मान समारोह में सम्मानित करना।
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……… जिले की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
- — कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के लिए पुलिस संसाधनों की कमी को पूरा किया जाना जरूरी है, साथ ही पुलिस फोर्स भी पर्याप्त होनी चाहिए, तभी कानून व्यवस्था बेहतर हो पाती है। कई बार देखा जाता है कि पुलिस,संसाधनों का रोना रोते हुए अपने कर्तव्यों से पल्ला झाडने में लगी रहती है और पीडित को पुलिस की मद्द समय पर नही मिल पाती है।
…………गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक शहर है क्या यहां की पुलिस हाईटेक बन चुकी है?
- — उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से गौतमबुद्धनगर पुलिस का काफी विकास हुआ है और कई मायनों में यहां पर जैसे साइबर क्राइम के क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है। किंतु इतने से भी काम नही चलेगा राजधानी दिल्ली, जिले से सटी हुई है। जनपदवासी, दिल्ली पुलिस से यहां की तुलना करते हैं, हाईटेक बनाने के लिए अभी और भी बहुत काम किया जाना बाकी है, जो किया जाना चाहिए।
……….कानून व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए कोई आइडिया है?
- — पीसीआर पुलिसिंग ठीक नही है, नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत यमुना और दादरी क्षेत्र में दर्जनों पीसीआर संचालित है मगर ठीक से मॉनीटरिंग नही की जा रही है। इन सभी पीसीआर को क्रमवार गोल चक्करों और चौराहों पर तैनात किया जाना चाहिए। घटना अथवा दुर्घटना होने पर सबसे ज्यादा पुलिस मद्द की जरूरत इन्ही जगहों पर पडती है। मसलन देखा जाता है कि दुघर्टना में घायल व्यक्ति सडक पर तडप रहा है, पीसीआर किसी अमुक जगह पर अवैध उगाही में ही लगी रहती है।
……..ऑन लाइन एफआईआर की सुविधा लोगों को मिल पा रही है।
- — पुलिस ने ऑन लाइन एफआईआर की सुविधा शुरू की है किंतु काफी लोगों में जागरूकता का आभाव है। इसलिए इस सुविधा का लाभ सभी लोगों को नही मिल पा रहा है। पुलिस को चाहिए कि जनजागरूकता अभियान चला कर इस तरह की सुविधाओं के बारे में लोगों को बताया जाए कि बगैर थाने और चौकी के चक्कर काटे हुए भी उनकी एफआईआर लिख दी जाती है।
………पुलिस सरकारी संसाधनों का रोना रोकर पल्ला झाड देती है?
- — हां, बिल्कुल। कुछ तो संसाधन भी कम ही है। जब कि दूसरी ओर पुलिस का रवैया भी ऐसा ही होता है जब पुलिस को कोई पीडित टरकाना होता है तो कई तरह के बहानेबाजी करती है आखिर पीडित थाने और चौकियों के चक्कर काट कर थक ही जाता है।
………ट्रेफिक सिस्टम से कहां तक संतुष्ट हैं?
- –जी, बिल्कुल। बहुत अच्छा सवाल है? ट्रेफिक सिस्टम ठीक न होने की वजह से 50 प्रतिशत लोगों को दिक्कतें होती हैं। इनमें रांग साइड, ट्रेफिक रूल फॉलों न करने पर व्यवस्था गडबडा जाती है और लोग काल के गाल में समा जाते हैं। पुलिस को ट्रेफिक रूल फॉलो न करने वाले लोगों से सख्ती से निपटना चाहिए। दनकौर में गलगोटिया यूनिवर्सिटी के पास यमुना एक्सप्रेस-वे, से रैंप कर्व है जहां व्हीकल रांग साइड चलते हैं और आए दिन दुर्घटनाएं घटित होती रहती हैं। किंतु इस ओर पुलिस का कोई ध्यान नही है। ऐसी जगह पर रांग साइड चलने वाले लोगों के चालान काटे जाने चाहिए।
……….पुलिस भ्रष्ट्राचार से कानून व्यवस्था की मजबूती पर विपरीत प्रभाव पडता है?
- — पुलिस भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था की कडी में मुख्य चुनौती है। यदि पुलिस ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करें तो कानून व्यवस्था की बेहतरी तय मानिए। इसमें अकेले पुलिस को ही दोष देना ठीक नही है, जनता भी बराबर की दोषी है, यदि जनता नियम कानून ताक पर रख कर पुलिस को गलत काम करने के लिए नही ललचाएगी तो फिर पुलिस कैसे अकेली गलत काम कर सकती है।
……….पुलिसकर्मियों का तनाव में रहना भी कानून व्यवस्था के लिए दुखदायी कारण है?
- — पुलिस पर काम का दवाब इसका सबसे बडा कारण है। पुलिसकर्मी कोई भी हो वह भी सबसे पहले तो एक इंसान ही है। किंतु पुलिस महकमें में तो देखा जाता है पूरे 24 घंटे भी काम में ही निकल जाते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत है कि समाज और परिवार के लिए पुलिसकर्मी को कितना समय मिलता है यह सब जानते हैं। एक पुलिसकर्मी को भी अच्छा काम करने पर इंसेंटिव और वीकली ऑफ तथा 8 घंटे के अंतराल पर रेस्ट मिलना चाहिए।
…….. गौतमबुद्धनगर में दिल्ली की तर्ज पर कमिश्नरी प्रणाली लागू किए जाने की बात कई बार चली थी यहां पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की जाना चाहिए?
- — गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक जिला है और राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। शहरवासी यहां की कानून व्यवस्था की तुलना दिल्ली से करते हैं और दिल्ली में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली है। गौतमबुद्धनगर में भी यदि पुलिस प्रणाली लागू हो जाए तो इससे पुलिस काफी सशक्त हो जाएगी।
………… योगी सरकार में एनकाउंटर से गुंडे और माफिया हवा हो चुके हैं?
- —– एनकाउंटर जरूरी है, किंतु किसी बेकसूर को बिल्कुल निशाना नही बनाया जाना चाहिए। जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी की सरकार आई है एनकाउंटर शुरू हुए हैं और जिससे बदमाशों के अंदर पुलिस का खौफ बढा है। अपराध करने से पहले अब बदमाश 100 बार सोचते हैं इससे राज्य की जनता अपने को सुरक्षित महसूस कर रही है।
…………. यूपीकोका-2017 कानून बन जाने से गुंडे और माफियाओं की कमर टूट जाएगी?
- ——- जी बिल्कुल, कानून कोई भी हो, जनता के भले के लिए ही सरकार बनाती है। यूपीकोका-2017 कानून भी ऐसा ही है इससे गैंग बना कर अपराध करने वाले गुंडे और माफियाओं की वाकई कमर टूट जाएगी।