एसटीएफ ने सनसनीखेज डकैती व हत्या करने वाले बावरिया गिरोह के दो बदमाश दबोचे
कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
——————————एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश ने जनपद-बाराबंकी, जनपद लखनऊ में सनसनीखेज डकैती एवं डकैती सहित हत्या करने वाले बावरिया गिरोह के दो बदमाशों को दबोच लिया है। गिरफ्तार किए गए दीपक बावरिया पुत्र राम प्रसाद बावरिया निवासी गैसिंहपुर थाना मोहम्मदाबाद जनपद फर्रूखाबाद हाल पता नेताजी लेन, मेन सूरकपुर रोड, वेस्ट गोपाल नगर, नजफगढ़, दिल्ली और प्रदीप बावरिया पुत्र फूल सिंह बावरिया निवासी ढापानंगला, थाना डींग जनपद भरतपुर राजस्थान हाल पता नानक प्याऊ रेलवे फैक्टरी के पीछे मितराऊ रोड, थाना नजफगढ़, दिल्ली पर 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था। एस0टी0एफ0 ने इनके कब्जे से 01 अदद तमंचा 315 बोर मय एक जिन्दा एवं एक खोखा कारतूस,01 अदद तमंचा 12 बोर मय एक मिस कारतूस और 01 अपाचे मोटर साईकिल (बिना नम्बर की) बरामद किए हैं। एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश द्वारा विगत दिनों बाराबंकी एवं लखनऊ जनपदों में की गई सनसनीखेज डकैती, हत्या की घटनाओं का पटाक्षेप पूर्व में किया गया था। दिनांक 03-02-2018 को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में बावरिया गैंग के 04 बदमाश राजेश उर्फ पेटला, मनोज उर्फ छोटू उर्फ राकेश, राजू उर्फ रमेश तथा महेन्द्र पकड़े गए थे। पकड़े गए बदमाशों से की गई पूछताछ में बाराबंकी, लखनऊ व फर्रूखाबाद की डकैती की घटनाओं में इस गैंग का सम्मिलित होना पाया गया। इन घटनाओं में गैंग सरगना विनोद को एस0टी0एफ0 द्वारा दि0 07-02-2018 एवं 50 हजार के ईनामी अभियुक्त दयाराम बावरिया को दिनांक 25-05-2018 तथा एक लाख के ईनामी अभियुक्त किशन उर्फ कालिया उर्फ राकेश उर्फ राजू को दिनांक 25-07-2018 को गिरफ्तार किया गया। इनका साथी दीपक बावरिया एवं रामवीर आदि वांछित चल रहे थे, जिनके विरूद्ध पुरस्कार घोषित किया गया था एवं एस0टी0एफ0 द्वारा इनके संबंध में अभिसूचना संकलन किया जा रहा था। इस गैंग से सम्बंधित वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस महानिरीक्षक एस0टी0एफ0 अमिताभ यश द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह को निर्देशित किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 अभिषेक सिंह उ0प्र0 द्वारा राजीव नारायण मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक, राजकुमार मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ फील्ड यूनिट नोएडा को अभियान चलाकर अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन मे राजीव नारायण मिश्र पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं राज कुमार मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व मे सौरभ विक्रम सिंह उप निरीक्षक की टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारंभ की गई तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन के दौरान दिनांक 14/15-09-2018 की रात्रि में एस0टी0एफ फील्ड युनिट गौतमबुद्ध नगर को विश्वसनीय स्रोत के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि उपरोक्त घटनाओें का वांछित रूपया 50,000/- का इनामी दीपक बावरिया पुत्र राम प्रसाद अपने साथी के साथ गंभीर घटना को कारित करने के उद्देश्य से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आने वाला है। इस सूचना को विकसित करते हुए एस0टी0एफ0 नोएडा युनिट द्वारा अभिसूचना संकलन व घेराबंदी की प्रभावी कार्यवाही प्रारम्भ की गई। तत्पश्चात एस0टी0एफ0 की टीम द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर जी0एल0 बजाज इंस्टीट्यूट के पास थाना नॉलेज पार्क गौतमबुद्धनगर के पास से एक साहसिक मुठभेड के दौरान उपरोक्त गिरोह के सदस्य, ईनामी अपराधी दीपक बावरिया एवं उसके एक साथी प्रदीप बावरिया को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त दीपक बावरिया, उम्र करीब 24 वर्ष, ने विस्तृत पूछताछ पर बताया कि उसके गैंग के द्वारा उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि कई शहरों में डकैती की घटनाओें को अंजाम दिया गया था। बताया कि उसने अपने गैंग के साथ करीब 05 वर्ष पूर्व वर्ष 2013 में फरीदाबाद हरियाणा में एक डकैती की घटना कारित कर टै्रक्टर को लूट/छीन लिया था, इस घटना में उसके साथ चक घिरवारी, भरतपुर का उम्मेद बावरिया, जय सिंह पुत्र रामजी लाल निवासी बाणसुर अलवर व जय सिंह के लडके राकेश, मुकेश एवं अशोक उर्फ राजू निवासी नजफगढ़, दिल्ली थे। इसके बाद उनको सी0आई0ए0 फरीदाबाद, हरियाणा द्वारा गिरफ्तार किया गया था और टै्रक्टर को बरामद किया गया था। इस केस में वह करीब 11 माह जेल में रहा था और इस घटना के करीब 2 वर्ष बाद वह मुरैना, मध्य प्रदेश में डाली गयी डकैती की घटना में जेल गया था। इसने अपने गैंग के लोगों के साथ माह नवंबर, दिसंबर 2017 व जनवरी 2018 में जनपद बाराबंकी के थाना सतरिख, कायमगंज, जनपद लखनऊ के थाना चिनहट, मलिहाबाद, काकोरी क्षेत्र में कई गाँवों/कस्बों में डकैती व डकैती सहित हत्या की घटनाओं को किया जाना स्वीकार किया है। बताया कि डकैती में प्रयोग किये गए असलहों का इंतजाम विनोद और छोटू करते थे। विनोद ने इस गैंग को इकट्ठा किया था और फिर लखनऊ आकर घटनाए कारित की थी। यह भी बताया कि विनोद व गैंग के कुछ अन्य सदस्य घटना से पहले ही लखनऊ आकर किराये का कमरा लेकर रहने लगे थे। गैंग के सदस्यों के बुलाने पर वह भी घटनाए करने के लिए लखनऊ पहुंच गया था। बताया कि गैंग के सदस्य डकैती डालने के लिए कपड़े की फेरी लगाकर दिन में रेकी किया करते थे। उसके पश्चात रात में हम सारे लोग मोटर साईकिलों से घटना करने के लिए जाते थे और घटना करने वाले स्थान से पहले मोटर साईकिल को झाड़ियों में छिपाकर खड़ी कर देते थे। उसके बाद पूर्व से रेकी के दौरान चिन्हित किए गए मकानों में घुसकर लूटपाट करते थे, जाग होने पर या किसी प्रकार का खतरा होने पर अंधाधुध फायरिंग कर निकल जाते थे। बताया कि उसके गिरोह ने जनपद लखनऊ एवं उसके आसपास के क्ष़ेत्र में ताबड़तोड़ डकैती की वारदातें की थीं। उसके बाद वह भागकर हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली में छिपता रहा। बताया कि कुछ घटनाओें के पश्चात कारतूसों/असलहों की कमी पड़ जाने के कारण रामवीर, मनोज उर्फ छोटू एवं राकेश उर्फ कालिया मोटर साईकिल से असलहा लेने के लिए कासगंज गये थे, जहां पर पुलिस ने रामवीर को 06 तमंचे व अपॉचे मोटर साईकिल के साथ पकड़ लिया था तथा मनोज उर्फ छोटू पुलिस से बच निकला था। गिरफ्तार अभियुक्त दीपक बावरिया एवं प्रदीप बावरिया ने संयुक्त पूछताछ पर बताया कि उसके (दीपक बावरिया) पिता राम प्रसाद व नाना कमल सिंह एवं दो मामा धर्मवीर व विशाल उर्फ डालचन्द तथा मौसा नरेश निवासी भरतपुर राजस्थान ने फूल सिंह के साथ गैंग बनाकर डकैती की घटनाओें को अंजाम दिया करते थे तथा नरेश उनका मुखिया होता था। बताया कि इस गैंग के द्वारा जनपद बुलन्दशहर में नरौरा, गुलावठी, डिबाई एवं जनपद मेरठ, हापुड़ तथा अलीगढ़ आदि में डकैती डालने का काम किया गया था। इन घटनाओं में गैंग के कुछ सदस्य को पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था और घटनाओं में उसके (दीपक बावरिया) पिता राम प्रसाद जनपद बुलन्दशहर की जेल में लगभग 05 साल तथा जनपद फर्रूखाबाद की जेल में लगभग डेढ़ साल निरूद्व रहे थे। पूछताछ पर यह भी बताया कि उसके (प्रदीप बावरिया) पिता फूल सिंह एवं कमल सिंह करीब 8-9 साल पहले जनपद अलीगढ़ में डकैती डालते समय पकडे़ गये थे तथा जेल गए थे। बताया कि वह (प्रदीप बावरिया) अपने साथी दीपक बावरिया के साथ मिलकर अपराध की दुनिया में प्रवेश किया था।