पंचों पर छोड़ा रेप का मामला तो ऐसे हुआ हिसाब
कानून रिव्यू/बिहार
एक नाबालिग की आबरू की कीमत महज 5 लाख और साथ में 11 चप्पलों की पिटाई है। बिहार में दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों की सुनवाई अब कोर्ट की बजाय पंचायत में हो रही है। वहीं, पंचायत भी अस्मत की कीमत पांच लाख लगाते हुए मामले को रफादफा करने का फरमान जारी कर देती है। जी हां मामला बिहार के सुपौल जिले राघोपुर थाना इलाके का है, जहां एक रसूखदार व्यक्ति ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए पंचायत में मामला निपटाने को कह दिया, जिसके बाद पंचायत ने आरोपी को पांच लाख के जुर्माने के साथ छोड़ दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के सुपौल जिला के राघोपुर थाना इलाके में गणेश स्वर्णकार ने 11 साल की नाबालिग से दुष्कर्म किया। पीड़िता को गणेश स्वर्णकार नामक 60 साल के शख्स ने जलावन देने के बहाने बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।् दुष्कर्म के दौरान उसने जोर से आवाज लगाई। इसके बाद आसपास के लोग पहुंचे तो आरोपी भाग वहां से भाग गया। वहीं, नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दौरान कुछ युवाओं ने घटना का वीडियो भी बना लिया और जिसके बाद रोती.बिलखली नाबालिग अपने घर पहुंची व अपने परिवार के लोगों को सारी कहानी बताई। दुष्कर्म के बाद पीड़िता जब पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय गांव के कुछ लोगों को बुलाकर मामले को पंचायत में निपटा लेने का फरमान सुना दिया। गांव में पंचों ने पंचायत लगाई और करीब तीन घंटे तक पंचों ने आरोपी का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। इसके बाद पंचों ने दरिंदगी की इस घटना के लिए 5 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया। साथ ही पंचों ने पीड़िता द्वारा आरोपी को 11 चप्पल मारने की सजा सुना कर मामले को रफा.दफा कर दिया। मगर वहीं पंचायत के इस फैसले पर दबंगई दिखाते हुए आरोपी ने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया। आखिर यह मामला सुर्खियों में आ गया और तब जाकर पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज की। मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। राघोपुर के थानाध्यक्ष नागेंद्र कुमार ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।