सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
निर्भया कांड में तीन गुनाहगारों को दो हफ्तों के अंदर मौत की सजा दिलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है। देश को झकझोर देने वाले ‘निर्भया‘ कांड में अभी किसी को फांसी नही दी गई है। याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह निर्भया के गुनहगारों को दो सप्ताह के अंदर फांसी दे दें। सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी के फंदे से बचने का प्रयास कर रहे तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने पीआईएल दायर कर निर्भया के दोषियों को दो सप्ताह के अंदर फांसी देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट निर्भया मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया गैंगरेप मामले में निचली अदालत ने 12 सितंबर, 2013 को चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. इस अपराध में एक आरोपी राम सिंह ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी. जबकि छठा आरोपी एक किशोर था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मार्च, 2014 को दोषियों को मृत्यु दंड देने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी। इसके बाद, दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी, जिन पर कोर्ट ने पांच मई, 2017 को फैसला सुनाया था।