डर पैदा करने के लिए निर्भया के कातिलों को जल्द फांसी पर चढ़ाया जाए
निर्भया के बलात्कार और हत्या को 6 साल के लगभग हो गए हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था और पूरे देश के लोगों के सड़कों पर आने के बावजूद बलात्कार के मामले तब से बढ़े ही हैं। हमारे देश की राजधानी दिल्ली आज विश्व में कैपिटल के नाम से बदनाम है। 11 महीने की छोटी बच्चियों के साथ भी दिल्ली में बलात्कार हो रहे हैं। बढ़ते अपराधों की मुख्य वजह यह है कि इस व्यवस्था में इनको रोकने के लिए कड़े उपाय नहीं हैं। अपराधियों के मन में कानून का कोई खौफ नज़र नहीं आता। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इन अपराधियों के मन में डर पैदा करने के लिए निर्भया के कातिलों को जल्द से जल्द फांसी पर चढ़ाया जाए, ताकि निर्भया और उसके माता.पिता को न्याय मिलना चाहिए।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————–डर पैदा करने के लिए निर्भया के कतिलों को जल्द ही फांसी पर चढाया और इसमें देरी किया जाना किसी भी सूरत में ठीक नही है। सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की पुनर्विचार याचिका को खारिज हुए भी दो महिने बीत गए हैं मगर तक दोषियों को फांसी पर नही चढाया गया है। दिल्ली महिला आयोग ने निर्भया गैंग रेप और मर्डर के मामले में सख्त रूख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कडी मेंं महिला आयोग ने अपराधियों को फांसी दिए जाने हो रहीं देरी को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को नोटिस भेजा है। गौरलतब है कि वर्ष 2012 में चलती बस में निर्भया का बर्बर बलात्कार और हत्या हुई थी। इस मामले ने पूरे देश को झगझोर के रख दिया था। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 4 अभियुक्तों को दोषी ठहराया था और 5 मई 2017 को 4 लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई थी। तत्पश्चात मामले में दोषियों ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी जिसे 9 जुलाई 2018 को उच्चतम न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया है। दोषियों की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज हुए 2 महीने हो गए हैं मगर अभी तक दोषियों को फांसी नहीं हुई है। इस विषय में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने तिहाड़ जेल के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल को नोटिस जारी किया है और उनसे इसकी वजह पूछी है। उनसे यह सूचना देने को कहा गया है कि क्या दोषियों को फांसी देने के लिए जेल अधिकारियों ने कोई आदेश पारित किया है या नहीं? अगर नहीं तो उसके कारणों की सूचना देने को कहा गया है, जेल अधिकारियों से 15 सितंबर 2018 तक जवाब देने को कहा गया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि निर्भया के बलात्कार और हत्या को 6 साल के लगभग हो गए हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था और पूरे देश के लोगों के सड़कों पर आने के बावजूद बलात्कार के मामले तब से बढ़े ही हैं। हमारे देश की राजधानी दिल्ली आज विश्व में कैपिटल के नाम से बदनाम है। 11 महीने की छोटी बच्चियों के साथ भी दिल्ली में बलात्कार हो रहे हैं। बढ़ते अपराधों की मुख्य वजह यह है कि इस व्यवस्था में इनको रोकने के लिए कड़े उपाय नहीं हैं। अपराधियों के मन में कानून का कोई खौफ नज़र नहीं आता। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इन अपराधियों के मन में डर पैदा करने के लिए निर्भया के कातिलों को जल्द से जल्द फांसी पर चढ़ाया जाए, ताकि निर्भया और उसके माता.पिता को न्याय मिलना चाहिए।
16 दिसंबर- 2012 की दर्दनाक रात की पूरी कहानी
—————————————————निर्भया अपने पुरुष मित्र के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात तकरीबन नौ बजे दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका इलाके में अपने घर पालम विहार जाने के लिए इंतजार कर रही थी। कुछ देर बात यानी साढ़े नौ बजे के करीब ही एक सफेद बस वहां रुकी। उसमें से एक नाबालिग ने उन लोगों को बस में चढ़ने का आग्रह किया। इसके बाद वे बस में चढ़ गए। उस बस में ड्राइवर समेत छह लोग पहले से मौजूद थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने निर्भया के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद दोनों को बुरी तरह से पीटा और महिपालपुर फ्लाईओवर के पास उनको फेंक कर चले गए। एक पीसीआर वैन ने उनको घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया। हालांकि घटना के 11 दिनों के बाद निर्भया की मौत हो गई।
कार्यवाही के क्रम पर एक नजर
———————————-
- 16 दिसंबर 2012- दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गयाण् उसके दोस्त की पिटाई की गई दोनों को महिपालपुर में घायल अवस्था में फेंका गया।
- 17.18 दिसंबर 2012- पुलिस ने अगले ही दिन चार आरोपियों बस चालक राम सिंह, मुकेश विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पहचान की, चारों को गिरफ्तार कर लिया गया।
- 18 दिसंबर 2012- लड़की के साथ हुई दरिंदगी की पूरी जानकारी सामने के बाद देशभर में गुस्सा भड़का। संसद में तब की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने दोषियों के लिए फांसी की मांग की।
- 20 दिसंबर 2012- बड़ी संख्या में छात्रों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर के बाहर विरोध.प्रदर्शन किया।
- 21.22 दिसंबर 2012-घटना का पांचवा आरोपी भी पकड़ा गया। वह नाबालिग था, छठा आरोपी अक्षय ठाकुर बिहार से गिरफ्तार हुआ।
- 22 दिसंबर 2012-निर्भया कांड पर लोग सड़कों पर उतरे, इंडिया गेट पर युवाओं का भारी विरोध शुरू
- 23 दिसंबर 2012- निर्भया की हालत गंभीर,् प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से पुलिस कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत
- 26 दिसंबर 2012- निर्भया को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल ले जाने का फैसला
- 29 दिसंबर 2012- सुबह के समय दो बजकर 15 मिनट पर निर्भया की सिंगापुर में मौत
- 2 जनवरी 2013- तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था कराई
- 3 जनवरी 2013- पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, अपहरण और अन्य आरोपों में चार्जशीट दाखिल
- 28 जनवरी 2013- छठवें आरोपी को नाबालिग पाया गया, उस पर जुवेनाइल कोर्ट में मामला।
- 2 फरवरी 2013- पांचों आरोपियों पर हत्या सहित 13 मामलो में आरोप दाखिल
- 11 मार्च 2013-पांच आरोपियों में से एक रामसिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली
- 21 मार्च 2013- नए एंटी.रेप कानून पर मुहर लगी, रेप के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया
- 11 जुलाई 2013-नाबालिग को मामले में दोषी पाया गया, जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा। यह किसी भी नाबालिग के लिए अधिकतम सजा है
- 10 सितंबर 2013- चार अन्य बालिग आरोपियों को भी कोर्ट ने मामले में दोषी पाया, 13 मामलों में उन्हें दोषी पाया गया
- 13 सितंबर 2013- चारों आरोपियों मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को मौत की सजा सुनाई गई
- 7 अक्टूबर 2013- चार में से दो विनय ठाकुर और अक्षय ठाकुर ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की
- 13 मार्च 2014- दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा के फैसले को सही ठहराया
- 2 जून 2014- फिर से दो आरोपियों ने हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
- 14 जुलाई 2014- सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी पर सुनवाई पूरी होने तक के लिए रोक लगाई
- 18 दिसंबर 2015- नाबालिग की रिहाई से कोर्ट का इंकार, तीन साल की सजा पूरी कर बाहर निकला
- 27 मार्च 2017-सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा
- 5 मई 2017- सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है, निर्भया के परिजनों का कहना है कि फांसी से कम सजा बर्दाश्त नहीं है
निर्भया के गुनहगार
—————–
1ः-राम सिंह
16 दिसंबरए 2012 की रात निर्भया के साथ दरिंदगी में प्रमुख आरोपियों में से एक राम सिंह भी था। राम सिंह ही उस वक्त गाड़ी चला रहा था। जब निर्भया और उसका पुरुष मित्र बस में सवार हुए थे। आरोप है कि निर्भया के साथ गैंगरेप करने और लोहे की रॉड से हमला किया।
2ः-मुकेश सिंह
राम सिंह के साथ बस में मुकेश सिंह भी सवार था। वह बस का क्लीनर था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद लोहे की रॉड से दोनों को बुरी तरह से पीटा था। इसमें मुकेश सिंह भी शामिल था। इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद है।
3ः-पवन गुप्ता
पवन जीवन यापन के लिए फल बेचने का काम करता था। तिहाड़ के जेल नंबर दो में तीन अन्य साथियों के साथ कैद है। ग्रेजुएशन परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
4ः-विनय शर्मा
पेशे से फिटनेस ट्रेनर था। फिलहाल तिहाड़ में कैद है और परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसने जेल के भीतर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया। जब इसके पांच अन्य साथी दुष्कर्म कर रहे थे तो यह गाड़ी चला रहा था। उसके बाद इसने मुकेश को गाड़ी चलाने को दी और दुष्कर्म किया।
5ः-अक्षय ठाकुर
बिहार का रहने वाला अक्षय ठाकुर स्कूल की पढ़ाई छोड़कर भागकर दिल्ली आया था। तिहाड़ की जेल नंबर 2 में कैद है। जब से इसने कहा कि इसकी जान को खतरा है तब से इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस पर भी रेप और हत्या का आरोप है।
नाबालिग
———
आरोप है कि नाबालिग ने ही निर्भया और उसके साथी को बस में चढ़ने का आग्रह किया था। घटना के वक्त नाबालिग था। नतीजतन फास्ट ट्रैक कोर्ट में तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेजा गया। पिछले साल दिसंबर में सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया।