कोर्ट के रास्ते में जिंदा जला दी गई उन्नाव रेप पीड़िता ने सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ा
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/उत्तर प्रदेश
हैदराबाद में गैंग रेप की शिकार निर्भया की मौत के बाद अब यूपी की निर्भया भी जिंदगी और मौत के बीच लड रही जंग को हार गई हैं। उन्नाव गैंग रेप कांड की पीडिता की मौत हो गई और इससे पूरा स्तब्ध है। उन्नाव रेप पीड़िता की शुक्रवार रात 11.40 पर सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई, जिसकी जानकारी पीड़िता की बहन ने दी और बाद में अस्पताल के एचओडी डा0 शालभ कुमार ने इसकी पुष्टि की। अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा0 शलभ कुमार ने बताया कि हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है। हालांकि 90 प्रतिशत से भी ज्यादा जल चुकी यूपी की इस निर्भया ने आखिरी वक्त तक भी हार नहीं मानी थी। गुरुवार रात 9 बजे तक वह होश में थी। जब तक होश में थी कहती रही. मुझे जलाने वालों को छोड़ना मत। फिर नींद में चली गई, डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की। वेंटिलेटर पर रखा लेकिन वो नींद से नहीं उठी। और फिर इस जुल्मी दुनिया को छोड़ कर चली गई। सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा0 सुनील गुप्ता ने शुक्रवार सुबह 11 बजे बयान जारी कर कहा था कि पीड़िता के बचने के चांस बहुत कम हैं। उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए वेंटीलेटर पर रखा गया था। कहा जा रहा था कमर के नीचे के दो अंदरूनी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों को सबसे ज्यादा डर संक्रमण फैलने का था। डर भी सही साबित हुआ, पीड़िता के शरीर में तेजी से संक्रमण फैला जिसे रोकना मुमकिन नहीं रहा। डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी पहले ही दी थी कि यदि पीड़िता के शरीर में संक्रमण फैल गया तो फिर उसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होगा। बताया जा रहा है कि बर्न केस में ज्यादातर मरीज की मौत संक्रमण फैलने के चलते हो जाती है। आरोपियों के जलाने के बाद उन्नाव से लखनऊ और फिर एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
हमें भी अब जिंदा जला दिया जाएगा
हमें तो अब न्याय मिल गया, मर्ज और मरीज को खत्म ही कर दिया
गैंगरेप पीड़िता का परिवार बोला कि अब. हमें भी जिंदा जला दिया जाएगा और न्याय नहीं मिलेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता ने कहा कि उनके परिवार में सिर्फ वही बेटी थी, जो न्याय के लिए लड़ती थी आवाज उठाती थी। वह अकेले परिवार की सुरक्षा के लिए जूझ रही थी। उसके जाने के बाद अब उन्हें न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें भी अब जिंदा जला दिया जाएगा। पिता ने कहा कि हम अपनी बेटी का मुंह भी नहीं देख पाए। पिता ने कहा कि हम चाहते हैं कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले। उन्होंने हमारे परिवार को प्रताड़ित किया है। पीड़िता की चाची ने कहा कि उनकी भी दो बेटियां हैं,लेकिन उसके जैसी हिम्मती कोई नहीं है। वह अकेले दम पर सबसे जूझ जाती थी, बहुत हिम्मती थी। उसकी कमी कोई नहीं भर सकता। पीड़िता के चाचा ने बताया कि सुबह हम चाय पीने जा रहे थे, तभी मौसी की लड़की का फोन आया। उसने बताया कि आपके भाई की लड़की को जला दिया गया है। जब हम अस्पताल पहुंचे, तो पता चला कि लखनऊ रेफर कर दिया गया है। पता चला कि गेट से अभी जो एंबुलेंस निकली है, उसी में उनकी भतीजी थी। हम उसे देख भी नहीं पाए। उन्होंने कहा कि अगर न्याय मिलता तो ऐसी घटना क्यों होती? हमें तो अब न्याय मिल गया, मर्ज और मरीज को खत्म ही कर दिया। अब क्या है? रास्ते में जाएंगे तो हमको भी मार सकते हैं। केस की तारीख के दौरान कुछ भी कर सकते हैं। चाचा ने बतया कि दो बार प्रधान जी के बेटे ने दो बार मारा, घसीटकर मारा। बेटी कहती थी कि चाचा तुम परेशान न हा,ए हम इनसे निपटेंगे। उसी ने इन्हें जेल भिजवाया। फिर जेल से ये छूटा और ये कांड कर दिया। चाची ने बताया कि अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि लखनऊ भेज दी गई है। हम उसे देख नहीं पाए। उन्होंने कहा कि मेरी शादी के बाद उसका जन्म हुआ था, 5 साल तक वह मेरे ही पास रहती थी। उन्होंने कहा कि पूरे घर में सबसे हिम्मती थी।