कानून रिव्यू/ पंजाब
16 साल पुराने पूरे परिवार द्वारा आत्महत्या के मामले में अमृतसर के पूर्व डीआईजी और पंजाब पुलिस के डीएसपी को 8 साल कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में 5 लोगों के एक परिवार ने आरोपियों को जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली थी। पंजाब पुलिस के एक सेवारत डीएसपी को भी चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा की अदालत ने उन पर 10 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया। मामले में पूर्व डीआईजी कुलतार सिंह, डीएसपी हरदेव सिंह, परमिंदर कौर, पलविंदर सिंह, मोहिंदर सिंह और सबरीन कौर को दोषी ठहराया गया है।् परिवार ने जब वर्ष 2004 में आत्महत्या की थी उस वक्त कुलतार सिंह अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हुआ करते थे। जबकि डीएसपी हरदेव सिंह तब पुलिस निरीक्षक थे। हरदीप सिंह ने अपनी पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ 31 अक्टूबर 2004 को जहरीला पदार्थ खा लिया था। आत्महत्या करने से पहले पूरे परिवार ने अपने घर की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा था। उन्होंने सुसाइड नोट की प्रति अपने दोस्तों और परिचितों को डाक से भेजी थी। आत्महत्या के लिए परिवार ने कुलतार सिंह को सीधे जिम्मेदार ठहराया था। लोगों के बढ़ते दबाव में अमृतसर पुलिस ने 2004 के इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन तब आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था। पंजाब मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता सरबजीत सिंह वेरका ने 2009 में मामला स्थानीय अदालत के समक्ष उठाया और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने आरोप लगाए कि स्थानीय पुलिस मामले की ठीक तरीके से जांच नहीं कर रही है।् अदालत ने सितंबर 2011 में कुलतार सिंह और हरदेव सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।