पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक अक्तूबर 2016 से इस साल जून तक ऐसी 280 हत्याएं हुईं
कानून रिव्यू/इंटरनेशनल
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……………………………….पाकिस्तान में कानून के बाद भी महिलाओं की हत्याएं रूक नही पा रही हैं। झूठी शान के नाम पर हत्याओं पर रोक लगाने के लिए लागू किए गए कानून को एक वर्ष हो गया है लेकिन अत्यंत रूढ़िवादी देश में अब भी युवतियों की उनके रिश्तेदारों द्वारा हत्या किए जाने का सिलसिला जारी है।पाकिस्तान की कंदील बलोच की पिछले साल जुलाई में उसके भाई द्वारा हत्या के बाद इससे जुड़े कानूनों की खामियों को दुरुस्त करने की मांग को बल मिला था। उसके तीन माह बाद उस बहु.प्रतीक्षित विधेयक को पारित कर दिया गया जिसकी महिला अधिकार संगठनों ने सराहना की। एक साल बाद वकीलों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश में झूठी शान के नाम पर हत्या का सिलसिला बहुत भयावह प्रतीत हो रहा है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक अक्तूबर 2016 से इस साल जून तक ऐसी 280 हत्याएं हुईं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि यह आंकड़ा कम करके आंका गया है और अधूरा है।