वर्ष 1984 में शिव कुमार यादव निवासी ग्राम बहलोलपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा के पिता राजबीर यादव की हत्या हुई थी। इसके बाद शिव कुमार की मॉ की शादी शिव कुमार के चाचा चरन सिंह उर्फ पप्पू से हो गयी थी। अरूण यादव के पिता स्व0 महेन्द्र सिंह यादव एवं उसके चाचा राजबल यादव आपस में दोनो सगे भाई थे। उसके चाचा राजबल यादव के लडके का नाम मुकेश है और मुकेश यादव के कथित प्रेम प्रसंग को लेकरवर्ष-2000 में गॉव में पंचायत भी हुई थी और पंचायत के दौरान फायरिंग भी हुई थी, जिसमें चरन सिंह की मौत हो गई थी। चरन सिंह की हत्या की घटना के सम्बन्ध में दिनांक 19-8-2000 को थाना सेक्टर-58 नौएडा पर मु0अ0स0ं 214/2000 धारा 147/148/307/354/302/504 आईपीसी वादी ओमवीर सिंह पुत्र रिसाल निवासी ग्राम बहलोपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा द्वारा मुकेश 2- सत्तन 3- यशपाल पुत्रगण राजबल 4- पप्पू उर्फ श्याम सिंह पुत्र अतरा निवासी ग्राम बहलोलपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा 5-सुशील पुत्र अतरा निवासी पर्थला खंजरपुर थाना फेस-3 तथा 6-राजवीर उर्फ बाबू पुत्र इन्छा निवासी उपरोक्त के विरूद्व पंजीकृत कराया गया था। इस अभियोग में अभियुक्त सत्तन आदि की पैरवी अरूण यादव के पिता महेन्द्र सिंह यादव द्वारा की जा रही थी और इस अभियुक्तों को माननीय न्यायालय, एफ0टी0सी0 गौतमबुद्धनगर द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। अरूण यादव ने बताया कि उसके पिता महेन्द्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर नियुक्त थे और शिव कुमार यादव ने एक सोची समझी साजिश के तहत उसके पिता महेन्द्र सिंह की वर्ष-2004 में हत्या कर दुर्घटना का रूप दे दिया था। इस सम्बन्ध में थाना विजयनगर जनपद गाजियाबाद पर दिनांक 08-03-2004 को मु0अ0सं0 111/2004 धारा 279/304ए भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत हुआ था, परन्तु पुलिस ने इस मुकदमें में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। उस समय अरूण यादव ने अपनी उम्र करीब 17 साल होना बताया। उसके बाद से ही उसने अपने पिता का बदला लेने के उद्देश्य से शिव कुमार यादव को मारने की योजना बना ली थी। अरूण यादव ने यह भी बताया कि लगभग 4-5 वर्ष से उसके सुन्दर भाटी के भतीजे अनिल भाटी के साथ संबंध हो गए। उसने अनिल भाटी के साथ मिलकर शिव कुमार यादव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई
एस0टी0एफ0 ने हत्यारोपियों में अरूण यादव, नरेश तेवतिया औार सोनू उर्फ धर्मदत्त को दबोच कर भाजपा नेता शिवकुमार यादव हत्याकांड का किया खुलासा
- कानून रिव्यू/ गौतमबुद्धनगर
——————————-एस0टी0एफ0 ने भाजपा नेता शिव कुमार यादव समेत तीन लोगों की हत्या का खुलासा कर तीन हत्यारोपियों को दबोच लिया है। एस0टी0एफ0 ने हत्या में प्रयुंक्त पिस्टल, बाइक, स्कार्पियो कार तथा बाइक आदि सामान बरामद किया है। भाजपा नेता शिव कुमार यादव की हत्या पिता की मौत का बदला लेने के उद्देश्य से की गई थी। अभियुक्तों के संबंध सुदंर भाटी गैंग से बताए गए हैं।
एस0टी0एफ0 के अपर पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि गत दिनांक 16-नवंबर 2017 को मोटर साईकिल सवार अज्ञात अपराधियों द्वारा थाना बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर क्षेत्र में तिगरी गोल चक्कर के निकट मुख्य मार्ग पर भाजपा नेता शिवकुमार यादव सहित तीन लोगों की गोली मारकर दिनदहाडे़ हत्या कर दी गई थी। शिव कुमार यादव उस समय अपनी फॉरच्यूनर गाड़ी से अपने निजी गनर रईसपाल तथा चालक बलराज उर्फ बल्ली के साथ अपने ग्राम हैबतपुर स्थित विद्यालय मां भगवती जूनियर हाईस्कूल के लिए निकले थे। इसी घटनाक्रम में सर्विस रोड पर जा रही एक एक छात्रा भी फॉरच्यूनर गाडी से दुर्घटना में घायल हो गई थी तथा जिसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई । इस सनसनीखेज हत्या के संबंध में थाना बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर पर उपरोक्त अभियोग पंजीकृत हुआ था। घटना की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार इस तीहरे सनसनीखेज हत्याकाण्ड की घटना के सफल अनावरण एवं घटना में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु अभिषेक सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उ0प्र0 लखनऊ द्वारा राजीव नारायण मिश्र अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं राजकुमार मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक के पर्यवेक्षण में एस0टी0एफ0 पश्चिमी गौतमबुद्धनगर में टीमें गठित कराकर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई।
इस घटना से संबिंधत अभियोग की एफआईआर में में वादी योगेश यादव द्वारा पूर्व की विभिन्न रंजिशों को इंगित करते हुए घटना में चार लोगों को नामजद किया गया था।घटना जिस प्रकार से दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग करके की गई थी,को दृष्टिगत रखते हुए इस घटना का सफल अनावरण करना पुलिस के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य था। निर्देशानुसार एस0टी0एफ0 की विभिन्न टीमों द्वारा घटना के सफल अनावरण तथा घटना में संलिप्त अभियुक्तगण की तलाश हेतु भरसक प्रयास प्रारम्भ किये गए। अभिसूचना संकलन के दौरान विश्वसनीय स्रोतोंके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि दिनांक 04-12-2017 को तीहरे हत्याकाण्ड की इस घटना को कारित करने वाला अपराधी किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने के उददेश्य खैरपुर गोल चक्कर के पास, थाना बिसरख क्षेत्र गौतमबुद्धनगर में आएगा।इस सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए एस0टी0एफ0 की टीमों द्वारा थाना बिसरख पुलिस को सहयोग हेतु साथ लेकर उक्त स्थान पर पहॅुच कर अपनी उपस्थिति छिपाते हुए घेराबन्दी की गई तथा एक साहसिक मुठभेड़ के बाद अभियुक्त नरेश तेवतिया पुत्र गजेन्द्र सिंह तेवतिया निवासी बीरपुरा थाना जारचा गौतमबुद्धनगर को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे एक अवैध शस्त्र30 कैलिवर पिस्टल मय कारतूस के बरामद हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त नरेश तेवतिया ने एस0टीवएफ0 टीम को पूछताछ में बताया कि उसकी जन्म तिथि 01-06-1992 है और उसने बीटेक में विवेकानन्द इन्स्ट्रीटयूट टैक्नोलोजी डासना, जनपद गाजियाबादमें प्रवेश लिया था, किन्तु बैक पेपर आने के कारण बी0टैक की परीक्षा पास करने में असफल रहा। वर्ष-2014 में उसकी मुलाकात कस्बा सूरजपुर जनपद गौतमबुद्धनगर निवासी मोनू गुर्जर, जो उसी के कालेज में पढ़ता था, के माध्यम से सुन्दर भाटी गैंग के सदस्य सोनू निवासी ग्राम खेड़ी भनौता से हुई थी और उसने सोनू के कहने पर वर्ष 2014 में संदीप पुत्र जगबीर निवासी सहराला थाना बल्लभगढ़, हरियाणा की हत्या कर दी थी। उल्लेखनीय है कि इस हत्या की घटना के सम्बन्ध में दिनांक 12.10.2014 को थाना बिसरख, गौतमबुद्धनगर पर मु0अ0सं0 606/2014 धारा 302 भादवि0पंजीकृत हुआ था। इस घटना में नरेश तेवतिया दिनांक 09.11.2014 को जेल गया था। अभियुक्त नरेश तेवतिया ने पूछताछ पर यह भी बताया कि उस समय कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना के भाई जयभगवान की हत्या के आरोप में सहदेव भाटी, लुक्सर जेल में बन्द था। सहदेव भाटी से जेल में मिलने अक्सर उसका पुत्र अनिल भाटी आता था और उसकी मुलाकात जेल पर ही अनिल भाटी से हुई थी। तीन माह बाद जेल से छूटने पर वह सुन्दर भाटी के भतीजे अनिल भाटी के साथ जुड़ गया। अनिल भाटी वर्तमान में दिल्ली में एम0सी0डी0 के टोल टैक्स पर कलैक्शन का काम करा रहा है और अनिल भाटी ने उसे भी अपने साथ इसी कार्य में लगा लिया था। इसी टोल के कलैक्शन के काम के दौरान उसकी मुलाकात उसके साथ घटना में शामिल अन्य दो शूटरों से हुई। शिवकुमार यादव की हत्या होने से करीब दो सप्ताह पूर्व अनिल भाटी ने उसे एवं अन्य दोनो शूटरों को अपने घर पर बुलाकर अरूण यादव से मिलवाया था और फिर शिव कुमार यादव की हत्या करने की योजना बनाई गयी थी। योजना के अनुसार अनिल भाटी, अरूण यादव अपने दो अन्य मित्रों के साथ विदेश में बैंकॉक, थाइलैण्ड दिनांक 07-11-2017 को चले गए, जिससे उनके थाइलैंण्ड प्रवास के दौरान ही इस घटना को अंजाम दिया जा सके। वह अन्य दो शूटरों के साथ शिव कुमार यादव की हत्या करने के उद्देश्य से शिव कुमार यादव के घर एवं उसके स्कूल के आसपास लग गए, किन्तु शिवकुमार यादव दिनांक 09.11.2017 को अपने कुछ दोस्तों के साथ पीलीभीत, नेपाल तथा नैनीताल के लिए जा चुका था और वहां से नेपाल व नैनीताल होते हुए दिनांक 14.11.2017 को वापस आया था, जिस कारण हत्या हेतु नियुक्त किए गए शूटर इस घटना को अन्जाम देने में सफल नहीं हो सके। दिनांक 12.11.2017 को अनिल भाटी व अरूण यादव अपने मित्रों के साथ थाईलैंड से वापस आ गए। पहली योजना असफल होने के उपरान्त वापस आते ही अरूण यादव ने शिवकुमार यादव की रैकी में अपने निजी सहायक सोनू उर्फ धर्मदत्त पुत्र दुलीचन्द शर्मा निवासी शेखपुर गढ़वा थाना खानपुर, बुलन्दशहर को लगा दिया। सोनू ने दिनांक 16.11.2017 को शिवकुमार की उपस्थिति की सूचना अरूण यादव व शूटर को दी ।इसके पश्चात नरेश ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर इस सनसनीखेज हत्याकाण्ड को अंजाम दे दिया। यह भी बताया कि घटना में बरामद पिस्टल का ही प्रयोग किया गया था। नरेश तेवतिया ने बताया कि इस हत्याकाण्ड के अगले दिन अनिल भाटी दिनांक 17.11.2017 को मैक्स अस्पताल, पटपटगंज,नई दिल्ली में बीमारी के कारण भर्ती हुआ था और भर्ती होने के समय वह तथा दूसरा शूटर भी उसके साथ में था। अरूण यादव भी मैक्स अस्पताल दिल्ली पहुॅंचा तो उस समय अरूण यादव ने अनिल भाटी को हत्या के बदले दो लाख रूपये दिए और शेष धनराशि बाद में देने का वायदा किया था। नरेश ने इस धनराशि में से एक लाख रूपये स्वंय को प्राप्त होना बताया। नरेश ने यह भी बताया की पार्किंग को लेकर गाजीपुर दिल्ली के निवासी मनोज एवं धर्मवीर सेठी में विवाद चलरहा था। धर्मवीर सेठी, सुन्दर भाटी गैंग का सदस्य है तथा पार्किंग के इस धन्धें में सुन्दर भाटी का खास आदमी नवाब उर्फ नब्बू निवासी ग्राम घंघौला थाना ग्रेटर नौएडा का पाटर्नर है। इसी कारण दिनांक 12.07.2017 को मनोज के भाई मिन्टू व उसके मित्र पर उस समय हमला किया था जब वे गाजियाबाद कोर्ट से निकल कर जा रहे थें। इन शूटरो में वह भी शामिल था,जिसमें मिन्टू मौके पर मारा गया और व उसका मित्र घायल हुआ। इस घटना में अनिल भाटी के कहने पर वह भी गया था। गिरफ्तार अभियुक्त नरेश तेवतिया से पूछताछ से प्राप्त सूचनाओें के आधार पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उक्त घटना में शामिल अभियुक्त अरूण यादव तथा धर्मदत्त उर्फ सोनू, उपरोक्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त अरूण यादव ने पूछताछ पर बताया उसकी जन्म तिथि 09-05-1986 है और वह कक्षा-12 पास है। वह प्रॉपर्टी का कार्य करता है और उसके पास धर्मदत्त शर्मा उर्फ सोनू निजी सहायक के रूप में काम करता है। वर्ष 1984 में शिव कुमार यादव निवासी ग्राम बहलोलपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा के पिता राजबीर यादव की हत्या हुई थी। इसके बाद शिव कुमार की मॉ की शादी शिव कुमार के चाचा चरन सिंह उर्फ पप्पू से हो गयी थी। अरूण यादव के पिता स्व0 महेन्द्र सिंह यादव एवं उसके चाचा राजबल यादव आपस में दोनो सगे भाई थे। उसके चाचा राजबल यादव के लडके का नाम मुकेश है और मुकेश यादव के कथित प्रेम प्रसंग को लेकरवर्ष-2000 में गॉव में पंचायत भी हुई थी और पंचायत के दौरान फायरिंग भी हुई थी, जिसमें चरन सिंह की मौत हो गई थी। चरन सिंह की हत्या की घटना के सम्बन्ध में दिनांक 19-8-2000 को थाना सेक्टर-58 नौएडा पर मु0अ0स0ं 214/2000 धारा 147/148/307/354/302/504 आईपीसी वादी ओमवीर सिंह पुत्र रिसाल निवासी ग्राम बहलोपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा द्वारा मुकेश 2- सत्तन 3- यशपाल पुत्रगण राजबल 4- पप्पू उर्फ श्याम सिंह पुत्र अतरा निवासी ग्राम बहलोलपुर थाना सेक्टर-58 नौएडा 5-सुशील पुत्र अतरा निवासी पर्थला खंजरपुर थाना फेस-3 तथा 6-राजवीर उर्फ बाबू पुत्र इन्छा निवासी उपरोक्त के विरूद्व पंजीकृत कराया गया था। इस अभियोग में अभियुक्त सत्तन आदि की पैरवी अरूण यादव के पिता महेन्द्र सिंह यादव द्वारा की जा रही थी और इस अभियुक्तों को माननीय न्यायालय, एफ0टी0सी0 गौतमबुद्धनगर द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। अरूण यादव ने बताया कि उसके पिता महेन्द्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर नियुक्त थे और शिव कुमार यादव ने एक सोची समझी साजिश के तहत उसके पिता महेन्द्र सिंह की वर्ष-2004 में हत्या कर दुर्घटना का रूप दे दिया था। इस सम्बन्ध में थाना विजयनगर जनपद गाजियाबाद पर दिनांक 08-03-2004 को मु0अ0सं0 111/2004 धारा 279/304ए भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत हुआ था, परन्तु पुलिस ने इस मुकदमें में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। उस समय अरूण यादव ने अपनी उम्र करीब 17 साल होना बताया। उसके बाद से ही उसने अपने पिता का बदला लेने के उद्देश्य से शिव कुमार यादव को मारने की योजना बना ली थी। अरूण यादव ने यह भी बताया कि लगभग 4-5 वर्ष से उसके सुन्दर भाटी के भतीजे अनिल भाटी के साथ संबंध हो गए। उसने अनिल भाटी के साथ मिलकर शिव कुमार यादव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई तथा उसने एवं अनिल भाटी ने अपने शूटर नरेश तेवतिया व अन्य शूटरों से कहा कि वे चार दिन के लिए दिनांक 8/9-11-2017 को विदेश जा रहे है और तुम लोगों को इसी मध्य शिवकुमार यादव को ठिकाने लगाना है। इस कार्य के लिए अनिल भाटी से शूटरों की व्यवस्था के लिए दस लाख रूपये देना तय किया गया था। इसमें से अरूण यादव, अनिल भाटी को छः लाख रूपये दे चुका है। अरूण यादव ने नरेश तेवतिया व उसके साथियों को शिव कुमार यादव का प्रताप विहार स्थित घर, तिगरी स्थित स्कूल तथा उसकी पहचान करा दी थी। वे सब शिवकुमार यादव की हत्या करने की फिराक में लग गये, किन्तु शिव कुमार यादव दिनांक 09-11-2017 को अपने साथियों के साथ दिन में जनपद पीलीभीत, नैनीताल होते हुए दिनांक 14-11-2017 की सॉयकाल लगभग 6.00 बजे वापस आया था, इस कारण उनके द्वारा लगाए गए शूटर शिव कुमार यादव को मारने में विफल रहे थे। विदेश से वापस आने के बाद शिवकुमार यादव की सही लोकेशन जानने के लिए उसने अपने निजी सहायक सोनू को इस कार्य में लगा दिया । घटना के दिन सोनू ने ही अरूण यादव एंव शूटर को शिव कुमार यादव की लोकेशन बताई थी। इसके पश्चात उसके शूटर नरेश तेवतिया ने अपने साथियो के साथ मिलकर दिनांक 16-11-2017 को शिवकुमार यादव, गनर रईस पाल एवं ड्राईवर बल्ली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। धर्मदत्त शर्मा उर्फ सोनू ने बताया कि वह वर्ष 2012 में अरूण यादव के साले अमन के माध्यम से अरूण यादव के यहां आया था और तभी से वह अरूण यादव के यहॉ निजी सहायक के रूप में कार्य कर रहा है। यह भी बताया कि उसने अरूण यादव के कहने पर शिव कुमार यादव की रैकी कर लोकेशन की जानकारी अरूण यादव को दी थी। गिरफ्तार अभियुक्तगण को थाना बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर में दाखिल गर उनके विरूद्ध मु0अ0सं0-780/17 धारा 307 भादवि व मु0अ0स0ं 781/17 धारा 25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत कराये गये है। अग्रिम विधिवत कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही हे।