कानून रिव्यू/झारखंड
कोविड-19 के चलते हुए कोर्ट ने जमानत दिए जाने की शर्त के रूप में साफ कर दिया कि मुलजिम की ओर पीएम केयर्स फंड में 35,000 रूपए जमा कराएं और साथ आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें। झारखंड हाईकोर्ट ने एक पूर्व सांसद और पांच अन्य को इस शर्त पर जमानत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि वे पीएम केयर्स फंड में 35,000 रुपए जमा करने का प्रमाण भी कोर्ट में पेश करें। जस्टिस अनुभा रावत चैधरी ने अपने आदेश में याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि रिहा होने के तुरंत बाद वे आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें और कोविड- 19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें। अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि छह याचिकाकर्ताओं, भाजपा के पूर्व सांसद सोम मरांडी, विवेकानंद तिवारी, अमित अग्रवाल, हिसाबी राय, संचय बर्धन और अनुग्रह नारायण पर 15 मार्च 2012 को पाकुड़ में श्रेल रोकोश् आंदोलन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। रेलवे न्यायिक मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ताओं को रेलवे अधिनियम की धारा 174 यएद्ध के तहत एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। याचिकाकर्ताओं ने सत्र अदालत के समक्ष अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। बाद में उन्होंने सत्र न्यायालय के आदेश को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में आपराधिक संशोधन याचिका दायर की थी। वे पिछले फरवरी से हिरासत में थे। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताए पीएम केयर्स फंड में योगदान देने समेतए कोर्ट की ओर से तय किसी भी शर्त का पालन करेंगे। कोर्ट ने आदेश में याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपने आधार कार्ड की एक स्व.सत्यापित प्रति जमा करें, साथ ही अपना मोबाइल नंबर दें, जिसे वे अदालत की अनुमति के बिना नहीं बदलेंगे।