37 वर्ष पुलिस सेवा में ईमानदारी से काम करने में नही हुआ कभी कोई कष्टः अवाना
कानून रिव्यू/दिल्ली
————————पुलिस ट्रेनिंग सेंटर वजीराबाद में डीएसपी रिक्रूटमेंट ज्ञानेदं्र सिंह अवाना मंगलवार 31 जुलाई 2018 को रिटायर हो गए। इस मौके पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रिटायर हुए डीएसपी ज्ञानेंद्र सिंह अवाना ने वर्ष 1982 में दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में सेवाएं देनी शुरू की। पुलिस स्टेशन कृष्ण नगर, ईस्ट दिल्ली और दिल्ली ट्रेफिक पुलिस में तैनात रहे। इसके बाद ज्ञानेंद्र सिंह अवाना प्रमोशन के क्रम में एसीपी साईबर क्राइम, क्राइम ब्रांच में तैनात रहे। तत्पश्चात वे एसीपी सीआरओ, एसीपी ट्रेड मार्कस,ईओडल्यू, क्राइम ब्रांच और एसीपी हैड क्वार्टर, क्राइम ब्रांच बनाए गए। फिर एसीपी ट्रेफिक और ट्रेनिंग पीटीसी दिल्ली बनाए गए। फिर ये डीसीपी ट्रेफिक, एस्टबलिशमेंट, हैडक्वार्टस एंड जनरल एडमिनिस्ट्रेशन बनाए गए। इसके बाद डीसीपी ऑपरेशन और डीसीपी ट्रेनिंग एंड प्रिंसीपल पीटीएस वजीराबाद तथा डीसीपी रिक्रूटमेंट के पद पर तैनाती रही। आखिर में डीसीपी ट्रेनिंग एंड प्रिंसीपल पीटीएस वजीराबाद पद से रिटायरमेंट हुए। पीटीएस ट्रेनिंग एंड प्रिंसीपल वजीराबाद के सभागार में विदाई संमारोह को संबोधित करते हुए डीसीपी ज्ञानेंद्र सिंह अवाना ने कहा कि ईमानदारी से काम करना कोई मुश्किल भरा काम नही है यदि आप अपने कर्म क्षेत्र में निष्ठा, समपर्ण और ईमानदारी से करेंगे तो निश्चित रूप से सफलता कदम चूमती है। साथ ही जिदंगी का सफर आसान व सुनहेरा हो जाता है। उन्होंने कहा कि अपनी जिदंगी के 37 वर्ष पुलिस सेवा को दिए हैं और यहां ईमानदारी से काम करने में कभी कोई कष्ट नही हुआ है। इस ट्रेनिंग सेंटर में जो सिस्टम विकसित किया था उन्हें उम्मीद हैं कि यथावत चलता रहेगा। कार्यक्रम में रिटायर्ड आईपीएस एमएस उपाध्याय चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर दिल्ली मेट्रो, रिटायर्ड डीसीपी राम करन मीणा, एसीपी हरपाल सिंह,एसीपी मनीशा सिंह आदि वक्ताओं ने डीसीपी ज्ञानेंद्र सिंह अवाना के कार्यकाल की भूरि भूरि प्रशंसा की। गीत संगीत की प्रस्तुति देते हुए पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के स्टाफकर्मियों और नन्हे मुन्हें बच्चों ने कार्यक्रम में शमा बांध दिया। इस मौके पर एसीपी ललित जोशी, एसीपी कमलेश बिस्ट, एसीपी यशपाल, और रनवीर सिंह आर्य, महेंद्र सिंह अवाना एडवोकेट, कमल शर्मा,एके तिवारी, करन सिंह अवाना आदि सैकडों की संख्या में पुलिसकर्मी और परिवारजन उपस्थित रहे।