बिहार पुलिस के चार्जशीट देरी से दायर करने का खूब फायदा मिला
कानून रिव्यू/ बिहार
बिहार पुलिस की लापरवाही खुल कर सामने आई है। पुलिस ने केस को दर्ज किया मगर चार्जशीट करना भूल गई। पुलिस के चार्जशीट देरी से दायर करना खूब फायदा मिला और रेप के 7 मामलों में आरोपियों को बेल मिल गई। चौंकाने वाली बात यह है कि संबंधित केस के अनुसंधान अधिकारियों को इस बात की जानकारी तक नहीं है कि उनके केस के आरोपी को अदालत से बेल मिल गई है? पटना के पिपरा, राजीवनगर, मेहंदीगंज, रामकृष्णानगर, चौक व नेउरा ओपी और बिहटा थाना में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में सात आरोपियों को बीते 3 सितंबर से लेकर 17 अक्टूबर के बीच जमानत दी गई। ये आरोपी अब जेल से बाहर हैं। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि जेल से निकल चुके आरोपियों ने केस उठाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि राजीवनगर कांड संख्या 338/19 के मामले में आईओ पूनम रानी को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। पहला मामला नेउरा के गोढ़ना का है, जहां की रहने वाली एक महिला ने 19 मार्च को केस दर्ज कराया था। महिला का कहना था कि उनकी 6 साल की बेटी के साथ गांव के चितरंजन कुमार उर्फ पंडित ने 500 रुपए का लालच देकर गलत हरकत करने का प्रयास किया। पीड़िता के शोर मचाने पर वह भाग निकला। केस की आईओ उषा सिन्हा थी। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई और उसने सरेंडर कर दिया। समय पर चार्जशीट नहीं होने से 17 अक्टूबर को उसे जमानत मिल गई। दूसरा केस पिपरा थाना का है। पिपरा निवासी महिला ने 30 मई को केस दर्ज कराया था कि उनकी 6 साल की बच्ची को खेलते समय कर्पूरी ठाकुर नामक शख्स ने चॉकलेट का लालच दिया और बाद में पास के एक घर में ले जाकर छेड़खानी की, बच्ची रोने लगी तो ग्रामीण जुट गए और आरोपी पकड लिया गया। यह मामला भी पुलिस ने दर्ज किया और इसका आईओ एसआई अंचला को बनाया गया। समय पर चार्जशीट दायर न होने से कर्पूरी को 5 सितंबर को जमानत मिल गई। रामकृष्णा नगर थाना इलाके के एक शख्स ने 25 जुलाई को केस दर्ज कराया था। इसमें पिता ने कहा था कि उनकी बेटी को एक निजी स्कूल के शिक्षक ब्रिजेश कुमार ट्यूशन पढ़ाने घर पर आते थे, 24 जुलाई को पढ़ाने के दौरान ब्रिजेश ने बेटी के साथ गलत हरकत की। आरोपी ने बेटी को धमकी भी दी थी कि मामले की जानकारी देने पर पिता व पूरे परिवार को जान से मार देंगे। इस केस का आईओ विजय कुमार को बनाया गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल भी भेजा मगर समय पर चार्जशीट दायर नहीं होने से आरोपी को 25 सितंबर को जमानत मिल गई। इसी तरह पटना सिटी स्थित चौक थाना में भी चार्जशीट दायर नहीं होने की वजह से आरोपी अमित कुमार और अभिषेक कुमार को पिछले 3 सितंबर को जमानत दे दी गई।वहीं पटना सिटी के ही मेहंदीगंज थाना में दर्ज एक अन्य मामले में भी आरोपी महिला के खिलाफ पुलिस अनुसंधान पूरा नहीं कर पाई। अदालत में समय पर चार्जशीट दायर नहीं होने की वजह से महिला आरोपी ममता देवी को 25 सितंबर को जमानत मिल गई।