कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर की कासना कोतवाली पुलिस ने यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने पीसी गुप्ता को 22 जून 2018 को मध्य प्रदेश 126 करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को गिरफ्तार करने के लिए कासना पुलिस ने मध्य प्रदेश में दबिश दी थी। आखिरकार मध्यप्रदेश के दतिया से पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोपी इस रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार कर ही लिया। पीसी गुप्ता पर 126 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर कासना थाना में एफआईआर दर्ज कराइ गयी थी। गुप्ता पर फर्जी कंपनी बनाकर सरकार को लूटने, मास्टर प्लान से हटकर रिश्तदारों के नाम पर जमीन खरीदने का आरोप है। मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मामले का संज्ञान लिया था और सीएम ने नोएडा पुलिस पर सख्ती दिखाते हुए जल्द ही गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। पुलिस ने 22 जून को पीसी गुप्ता को मध्य प्रदेश से दबोच लिया। दूसरे दिन शनिवार को गौतमबुद्धनगर पुलिस ने इस घोटाले के मुख्य आरोपी पीसी गुप्ता को मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया। अब पुलिस पीसी गुप्ता से घोटाले के संबंध में पूछताछ करेगी जिसमें कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। पीसी गुप्ता एक ऐसा अधिकारी रहा है जो वर्ष 2007 मेंं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बतौर डीसीईओ तैनात हुआ था। बसपा शासन के बाद सपा की सरकार आई मगर पीसी गुप्ता का रूतबा कायम रहा। सपा की सरकार आने पर तो पीसी गुप्ता की इतनी तूती बोलनी लगी कि उसे प्रमोशन के बाद भी यहीं यानी यमुना प्राधिकरण मेंं बतौर सीईओ तैनाती दे दी। बताया जा रहा है कि पीसी गुप्ता द्वारा किए गए इस 126 करोड के घोटाले में कई अफसर और सफेदपोश शामिल रहे हैं।