गौतमबुद्धनगर में ईपीसीए के फैसले ने उद्यमियों की चिंता बढाई
एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री( अग्नि ) ने उद्यमियों की चिंताओं और आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए समस्याओं का उचित समाधान किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से पत्र लिख कर की
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण( ईपीसीए ) ने गौतमबुद्धनगर, दिल्ली और पूरे एनसीआए में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अपने एक निर्णय में कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना( ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान ) के तहत 15 अक्टूबर से कड़े कदम उठाए जाएंगे। पर्यावरण प्रदूषण( निवारण और नियंत्रण ) प्राधिकरण ने आवश्यक और आपात सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी भी कार्य में डीजल जेनरेटर का उपयोग प्रतिबंधित किए जाने का आदेश दिया है। ईपीसीए के आदेश में सिर्फ सीएनजी ओर पीएनजी से संचालित जनरेटर को ही छूट दी गई है। इस ईपीसीए के फैसले ने गौतमबुद्धनगर में उद्यमियों की चिंता बढा दी है। इसी क्रम में एक पत्र एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री ( अग्नि ) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखा है और आंशका जताई है कि ईपीसीए द्वारा लिया गया निर्णय प्रदूषण रोकथाम के लिए जनहित में है, लेकिन यह औद्योगिक इकाइयों को बहुत अधिक प्रभावित करेगा और जिससे उत्पादन प्रभावित होगा। साथ ही इसके बहुआयामी परिणाम होंगे। पत्र में एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री ( अग्नि ) के अध्यक्ष सहेदव शर्मा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए ईपीसीए द्वारा लिया गया निर्णय प्रदूषण रोकथाम के लिए जनहित में है, लेकिन यह औद्योगिक इकाइयों को बहुत अधिक प्रभावित करेगा और जिससे उत्पादन प्रभावित होगा। साथ ही इसके बहुआयामी परिणाम होंगे। पिछले 8 महीनों से कोविड.19 संकट से जूझ रही औद्योगिक इकाइयों के लिए यह नया संकट होगा। ऐसे में नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित गौतमबुद्धनगर के उद्यमी इस आदेश के बाद बेहद चिंतित हैं और उनके मन में कई तरह की आशंकाएं पैदा हो रही हैं। पत्र में एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री ( अग्नि ) के उपाध्यक्ष आदित्य घिडियाल ने उद्यमियों की चिंताओं को सही बताते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि शासन और प्रशासन द्वारा बिना तैयारी एवं वैकल्पिक व्यवस्था के ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू करने से औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन ठप्प अथवा बेहद कम हो जाएगा। एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री ( अग्नि ) के महासचिव ए.के. पचौरी ने पत्र में चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि बिना औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से विचार किए इस निर्णय को ईमानदारी पूर्वक लागू नहीं किया जा सकता। इससे औद्योगिक इकाइयों पर भार और दबाव बढ़ेगा। अधिकांश औद्योगिक इकाइयों के पास सीएनजी और पीएनजी संचालित जनरेटर नहीं हैं। यही नहीं सुचारू विद्युत व्यवस्था के अभाव में लोग चोरी छिपे डीजल जनरेटर चलाएंगे, जिससे भृष्टाचार पनपेगा। एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री ( अग्नि ) के सचिव मुकेश शर्मा ने ईपीसीए द्वारा दिए गए फैसले को लागू किए जाने से औद्योगिक इकाइयों के सामने आने वाली परेशानियों की और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र में कहा है कि इससे औद्योगिक इकाइयों को कई तरह आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। श्रमिकों को बिना काम के अथवा कम काम के वेतन देना होगा। कोविड.19 महामारी के बाद उद्यमी इसको वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। पत्र में एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री( अग्नि ) ने उद्यमियों की चिंताओं और आशंकाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कई तरह के सुझाव प्रस्तुत किए हैं और साथ ही मांगे भी की है। जिनमें अचानक लिए गए निर्णय से औद्योगिक इकाइयां प्रभावित होंगी, कोविड.19 के प्रभाव से जूझ रही औद्योगिक इकाइयों पर यह दोहरी मार होगी और उत्पादन प्रभावित होगा, जिन औद्योगिक इकाइयों के पास नई तकनीक वाले कम धुआं छोड़ने वाले जनरेटर सेट है अथवा जो प्रदूषण मानक पूरा करते हैं उनके इस निर्णय से छूट दी जाए, सरकार औद्योगिक इकाइयों के डीजल जनरेटर सेट को सीएनजी एवम पीएनजी जनरेटर सेट में बदलने के लिए आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग दे,. निर्णय को लागू करने से पूर्व औद्योगिक इकाइयों पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया जाए, औद्योगिक इकाइयों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, औद्योगिक इकाइयों के लिए लगातार विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाए, वैकल्पिक व्यवस्था होने तक औद्योगिक इकाइयों को इस निर्णय से बाहर रखा जाए,. औद्योगिक इकाइयों को प्रभावित करने वाले निर्णय को लागू करने से पूर्व उद्यमियों की प्रतिनिधि संस्था अग्नि एवं अन्य प्रतिनिधियों से चर्चा की जाए जिससे बीच का रास्ता निकाला जा सके आदि शामिल हैं। पत्र में एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री( अग्नि ) ने उद्यमियों की चिंताओं और आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए समस्याओं का उचित समाधान किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के साथ ही इस पत्र की प्रतियां मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, आईडीसी उत्तर प्रदेश शासन लखनउ, चेयरमैन ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, सीईओ ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, सीईओ नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और डीएम गौतमबुद्धनगर को भी प्रेषित की गई हैं।