सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से कहा कि 31 दिसंबर 2018 तक आदेश को पूरा करें
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————-सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद के कांत एन्कलेव को ध्वस्त किए जाने का आदेश दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस बात में संदेह नही है कि अरावली हिल के आस पास पर्यावरण को नुकसान हुआ है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मामले को दो भागों में बांटा जाता है,पहले कैटेगरी में वो लोग जिन्होंने निवेश किया है उसे पूरा का पूरा पैसा वापस 18 प्रतिशत ब्याज के साथ किया जाए। ये पैसा कंस्ट्रक्शन कंपनी आर कांत एंड कंपनी का होगा, पैसा यही कंपनी देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक कांत एनक्लेव में निर्माण को छूट देने का सवाल है तो 18 अगस्त 1992 जब ये नोटिफिकेशन आया उसके बाद कोई भी निर्माण काम अवैध और कानून के खिलाफ है। सरकार ने नोटिफिकेशन के तहत 1992 से पहले कंस्ट्रक्शन को सुरक्षित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी की मांग को स्वीकार किया जिसमें कहा गया कि 17 अप्रैल 1984 से 18 अगस्त 1992 तक के निर्माण को न छेड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा कि 18 अगस्त 1992 के बाद के निर्माण को धवस्त करे क्योंकि वो अवैध निर्माण है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरावली हिल को जो नुकसान पहुंचाया गया है, जिसकी भरपाई नही है फिर भी जो भी उपाय है उसको किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर कांत कंपनी ने कहा कि उन्होंने इन्क्लेव को डेवलप करने के लिए 50 करोड़ खर्च किया है, लेकिन कंपनी जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करे। ये रकम एक महीने के भीतर अरावली रिहैबिलिटेशन फण्ड में जमा करना होग। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को कहा कि 31 दिसंबर 2018 तक आदेश को पूरा करे।