फांसी दिलाने लोअर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सिक्योरिटी गार्ड
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————–तनख्वाह के पैसे बेटी का केस लड़ने में काम आएं और पैसों की कमी की वजह से रेपिस्ट छूट न जाएं इसलिए भवंर सिंह एक खाली पड़ी ज़मीन पर झोपड़ी डालकर रह रहा है। लेकिन पिछले 6 साल से लगातार लोअर कोर्ट से हाईकोर्ट और अब हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बेटी की रेप और हत्या के दोषियों को फांसी दिलाने के लिए केस लड़ रहा है। उत्तराखण्ड के रहने वाले भवंर सिंह अब पिछले 2 साल से सु्प्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। पीडित पिता भंवर का साफ कहना है कि मैं कम पढ़ा.लिखा हूं, मेरे पास पैसा कम है,ा् मेरे पास कोई बड़ी सिफारिश नहीं है तो क्या हुआ? लेकिन मैं हर हाल में अपनी मासूम बेटी की रेप और हत्या के दोषियों को फांसी के तख्ते तक लेकर जाऊंगा। लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से दोषी को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी हैं। दोषी शायद सोचते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट तक नहीं पहुंच पाऊंगा। मैं अब सिर्फ कमा इसीलिए रहा हूं कि दोषियों को फांसी पर लटकवा सकूं। भंवर सिंह दिल्ली के एक स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं।