कानून रिव्यू/नई दिल्ली
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह तिहाड जेल में फांसी दे दी गई। पुलिस ने इन शवों को पोस्टमार्टम के बाद अंत्येष्टि के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया है। तिहाड जेल अधिकारियों ने दोषियों के शवों का पोस्टमार्टम दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में कराया। गौरतलब है कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में पैरामेडिकल की 23 वर्षीय एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कर अधमरी हालत में छोड दिया था और जिसके बाद उसकी मौत सिंगापुर में हो गई थी। इस मामले में चारों दोषियों मुकेश सिंह 32 वर्ष,पवन गुप्ता 25 वर्ष,विनय शर्मा 26 वर्ष और अक्षय कुमार सिंह 31 वर्ष को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। इन दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। जेल अधिकारियों ने बताया कि शवों को आधे घंटे तक फंदे से लटका कर रखा गया, जो जेल नियमावली के मुताबिक फांसी पर चढ़ाने के बाद एक अनिवार्य प्रक्रिया है। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि शवों की डॉक्टरों द्वारा जांच किए जाने और चारों को मृत घोषित किए जाने के बाद, उन्हें पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल अस्पताल भेजा गया और फिर बाद में शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अक्षय का शव बिहार के औरंगाबाद स्थित उसके गांव ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुकेश के परिजन उसका शव राजस्थान ले जाएंगे। विनय और पवन के शवों को दक्षिण दिल्ली स्थित रविदास कैम्प में मौजूद उनके घर ले जाया जाएगा। इससे पहले, उनके परिजन पोस्टमार्टम को लेकर आवश्यक कागजी कार्यवाही के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचे थे। जेल सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर अस्पताल और खासतौर पर मुर्दाघर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। यह पहला मौका है जब दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल में चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई। इस जेल में फिलहाल करीब 16,000 कैदी रखे गए हैं।