कानून रिव्यू/नई दिल्ली
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दुष्कर्म के मामले में फिल्म निर्माता करीम मोरानी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मोरानी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और जिसके बाद उन्हें आत्मसमर्पण करना पड़ा। पुलिस करीम मोरानी को अदालत के समक्ष पेश करेगी।
गौरतलब है कि 2014 में बॉलीवुड के मशहूर प्रोड्यूसर मोरानी के खिलाफ हैदराबाद में रेप का मामला दर्ज हुआ था। दिल्ली की रहने वाली 25 साल की एक महिला ने यह केस दर्ज करवाया है। महिला का आरोप है कि पिछले 2 साल में कई बार मोरानी ने उसका रेप किया और धमकी दी कि अगर वह पुलिस के पास गई तो वह उसकी न्यूड तस्वीरों को सर्कुलेट कर देंगे।
पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि दिसंबर 2014 में अपनी एक दोस्त की शादी में उसकी मोरानी से मुलाकात हुई थी। मेहंदी और संगीत समेत शादी के बाकी फंक्शन्स में शामिल होने के लिए वह दो दिन तक वहीं रही। करीम मोरनी दुल्हन के चाचा लगते हैं और वह भी शादी के कार्यक्रम में दोनों दिन आए थे।
महिला का आरोप है कि इस घटना के बाद लगातार कई बार मोरानी ने ब्लैकमेल करने की धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण किया। जून 2016 में उसने उसे हैदराबाद के रामोजी फिल्म सिटी में एक फिल्म शूट के लिए बुलाया. वहां जिस होटल में वह रुकी थी फिर से मोरानी ने उसका शोषण किया और इस तरह यह शारीरिक शोषण दिसंबर 2016 तक जारी रहा। इस केस में आईपीसी की विभिन्न धाराओं 376 (रेप), 342 (गलत तरीके से कैद करना), 506 (आपराधिक धमकी), 493 (शादीशुदा होने के बाद भी दूसरी महिला से संबंध रखना), 417 (धोखाधड़ी) और निर्भया एक्ट के 354सी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
5 सितंबर 2017 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी थी और 22 सितंबर को सरेंडर करने के आदेश दिए थे। वहीं निचली अदालत ने भी पहले उन्हें अग्रिम जमानत दी थी, लेकिन 14 मार्च 2017 को इसे रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि अर्जी के वक्त मोरानी ने ये तथ्य कोर्ट को नहीं बताया था कि वह 2जी घोटाले में भी आरोपी हैं और जेल में रह चुके हैं।
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