यूपी एसटीएफ के साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी
आजकल साइबर क्रिमिनल ने एक नया तरीका निकाला है जो बहुत खतरनाक साबित हो रहा है। साइबर क्रिमिनल आपकी फेसबुक प्रोफाइल से आपकी फोटो डाउनलोड करके एक न्यू प्रोफाइल बना लेते हैं और फिर उसमें उन्ही लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है जो आपकी ओरीजनल प्रोफाइल में है। वे लोग आपकी प्रोफाइल समझ कर फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सपेक्ट कर लेते हैं। उसके बाद साइबर क्रिमिनल फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों को फेसबुक के मैसेंजर के जरिये पर्सनल चैट में कहते हैं कि बेटे का एक्सीडेंट हो गया है। पैसे की बहुत जरूरत है। मुझे अर्जेंट पैसे चाहिए। वह एक पेटीएम नंबर भी देता है। एक्सीडेंट की खबर सुनकर लोग जल्दी पैसा ट्रान्सफर कर देते हैं। नतीजतन आपके साथ एक बहुत बड़ा फ्रॉड हो जाता है। साइबर सेल ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे अपनी फें्रड लिस्ट में जितने भी लोग हैं, सभी को मैसेज डालकर आगाह करें कि ऐसी कोई चैट आये तो कोई पैसा ट्रान्सफर न करें।
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
फेसबुक के जरिये फ्राड करने की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। साइबर अपराधियों ने फेसबुक के माध्यम से फ्रॉड का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। मौजूदा दौर में सोशल मीडिया लगभग हर व्यक्ति का पसंदीदा प्लेटफार्म बन गया है। उनमें फेसबुक सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसमें करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। अगर आप का भी फेसबुक एकाउन्ट है तो फिर यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। इस बाबत यूपी एसटीएफ के साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को आगाह किया है। फेसबुक पर फ्रॉड का शिकार हुए एक पीडित की मानें तो ठगों ने उनकी फेसबुक एकाउन्ट के डीपी में लगी फोटो डाउनलोड कर एक फेक एकाउन्ट बनाया। उसमें उन्हें ही फ्रेंड लिस्ट में जोड़ा गया, जो ओरिजनल फेसबुक एकाउन्ट में हैं। इसमें रिश्तेदार और मित्रों को प्राथमिकता के तौर पर जोड़ा जाता है। एकाउन्ट तैयार होने के बाद से ही शुरू हो जाता है ठगी का खेल। पीडित का कहना है कि उनकी फोटो लगाकर फेक फेसबुक एकाउन्ट बनाने के बाद उनके रिश्तेदारों और मित्रों से कोई इमरजेंसी बताकर पैसे की डिमांड की जाती है। उनके तमाम रिश्तेदार उनके फेक फेसबुक एकाउन्ट पर ठगी के शिकार हुए हैं। उधर सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे फ्रॉड के खेल से सरकार खासी चिंतित है। इस फ्राड पर प्रभावी अंकुश लगाने और लोगों को ठगों से बचाने के लिए यूपी एसटीएफ की साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी की है। साइबर सेल का कहना है कि फेसबुक ने लोगों को सुरक्षा देने के मकसद से एक करोड़ से ज्यादा फर्जी अकाउंट को बंद किया है। इसके अलावा फेसबुक में कई बदलाव भी किए गए हैं। इसके बावजूद फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाना बहुत ही आसान है। साइबर सेल का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच मशहूर होने की जो होड़ लगी हैए उससे ठगों को फ्रॉड करने का मौका मिल रहा है। इसलिए फेसबुक चलाते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए। आपको अपने लोकेशन को ऑफ करना है, जिससे ठगों को आपकी लोकेशन का पता न चले। यूपी एसटीएफ के साइबर सेल का कहना है कि आजकल साइबर क्रिमिनल ने एक नया तरीका निकाला है जो बहुत खतरनाक साबित हो रहा है। साइबर क्रिमिनल आपकी फेसबुक प्रोफाइल से आपकी फोटो डाउनलोड करके एक न्यू प्रोफाइल बना लेते हैं और फिर उसमें उन्ही लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है जो आपकी ओरीजनल प्रोफाइल में है। वे लोग आपकी प्रोफाइल समझ कर फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सपेक्ट कर लेते हैं। उसके बाद साइबर क्रिमिनल फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों को फेसबुक के मैसेंजर के जरिये पर्सनल चैट में कहते हैं कि बेटे का एक्सीडेंट हो गया है। पैसे की बहुत जरूरत है। मुझे अर्जेंट पैसे चाहिए। वह एक पेटीएम नंबर भी देता है। एक्सीडेंट की खबर सुनकर लोग जल्दी पैसा ट्रान्सफर कर देते हैं। नतीजतन आपके साथ एक बहुत बड़ा फ्रॉड हो जाता है। साइबर सेल ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे अपनी फें्रड लिस्ट में जितने भी लोग हैं, सभी को मैसेज डालकर आगाह करें कि ऐसी कोई चैट आये तो कोई पैसा ट्रान्सफर न करें। साइबर एक्सपर्ट विपिन के पास ठगी के शिकार कई लोग आते हैं। वे उन्हें फ्रॉड से बचने के तरीके बताते हैं। वह बताते हैं कि फेसबुक को ऑपरेट करते समय फेस रिकॉग्निशन ऑप्शन को ऑन करें। फेसबुक लोकेशन बंद करें और फेसबुक पर अपना बैंकिंग वाला ईमेल आईडी ना लिखें। सोशल मीडिया पर उतनी ही जानकारी दें, जिससे आपकी निजता बची रहे। वह कहते हैं कि आप जितना अधिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते है,ं उतना ही आप साइबर क्रिमिनल की नजर में रहते हैं।