बंगले में 22 जून से पहले ही पैकिंग शुरू हो चुकी थी। उन्होंने तय किया था कि वह रिटायरमेंट के बाद अपने गृह प्रदेश लौट जाएंगे। 22 जून को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। वह अपने बंगले से सुबह 5 बजे ही चले गए। उनका सामान पहले ही दिल्ली से भेजा जा चुका था।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
–————————जस्टिस चेलमेश्वर सुबह सूरज निकलने से पहले ही अपना बंगला खाली कर चले गए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर शुक्रवार 22 जून 2018 को रिटायर हो गए। ये उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। लेकिन उन्होंने अपना बंगला सुबह 5 बजे ही खाली कर दिया। वह इस बंगले में 6 साल पहले शिफ्ट हुए थे।् वह तब सबसे अधिक चर्चा में आए जब उन्होंने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ एक अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों का नेतृत्व करते हुए मोर्चा खोल दिया था। हालांकि 18 मई को उन्होंने सीजेआई के साथ डायस शेयर की।
गौरतलब है कि 4 तुगलक रोड पर मौजूद उनके बंगले में 22 जून से पहले ही पैकिंग शुरू हो चुकी थी। उन्होंने तय किया था कि वह रिटायरमेंट के बाद अपने गृह प्रदेश लौट जाएंगे। 22 जून को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। सूत्रों के अनुसार वह अपने बंगले से सुबह 5 बजे ही चले गए। उनका सामान पहले ही दिल्ली से भेजा जा चुका था। आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोव्या मंडल के पेड्डा मुत्तेवी में 23 जून 1953 को जन्मे चेलमेश्वर की शुरुआती पढ़ाई कृष्णा जिले के मछलीपत्तनम के हिन्दू हाईस्कूल से हुई और उन्होंने स्नातक चेन्नई के लोयोला कॉलेज से भौतिक विज्ञान में किया। उन्होंने कानून की डिग्री 1976 में विशाखापत्तनम के आंध्र विश्वविद्यालय से ली। वह 3 मई 2007 को गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने थे और बाद में केरल हाईकोर्ट में स्थानान्तरित हुए।
कई बडी हस्तियां लौट चुकी हैं, गृह राज्य
——————————————————————————————-आम तौर पर राजधानी दिल्ली में बड़ा पद पाने वाले अपने गृहनगर की ओर नहीं लौटते, लेकिन जस्टिस चेलमेश्वर ने उस परंपरा का पालन नहीं किया। उनसे पहले कुछ और हस्तियां हैं जो अपना कार्यकाल खत्म कर अपने गृहनगर या गृह प्रदेश लौटी हैं। इनमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सबसे प्रमुख है। इसके अलावा मैट्रोमैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन भी दिल्ली में अपना कार्यकाल खत्म कर अपने गृह प्रदेश लौट गए थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अचानक चर्चा में आए थे, जस्टिस चेलमेश्वर
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, एम बी लोकुर और कुरियन जोसेफ के साथ मिलकर चेलमेश्वर ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी0एच0 लोया की रहस्यमय मौत के संवेदनशील मामले सहित अन्य मामलों के चुनिंदा आवंटन पर सवाल उठाए थे। लोया की एक दिसंबर 2014 को मौत हो गई थी। 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन की घटना सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुई और इसने अदालत के गलियारे में हलचल मचा दी और पूरा देश आश्चर्यचकित रह गया। जस्टिस चेलमेश्वर ने कड़ी टिप्पणियों में कहा था। कई चीजें पिछले कुछ महीनों में ऐसी हुई जो वांछित नहीं हैं।