सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महिला अधिकारों को मिली मजबूती
- कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————————–सावधान! अब झगलू महिलाओं को एक नया कानूनी हथियार मिल गया है क्योंकि जरा सी नोंक झोंक क्या हुई पत्नी भी आपको की जेल हवा खिला सकती है और वह भी रेप के मामले में। जी हां सुप्रीम कोर्ट ने एक नया फैसला दिया है कि यदि पति अपनी पत्नी से बगैर सहमति सेक्स करता है तो वह रेप माना जाएगा। हाल में कोर्ट ने बगैर सहमति के सेक्स किए जाने का अवैध करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि पत्नी से बगैर सहमति से सेक्स किया जाना रेप का माना जाएगा। गौरतलब है कि पहले विवाहित संबंधों में 15 से 18 वर्ष की पत्नी से बिना सहमति शारीरिक संबंध बनाने को बलात्कार नहीं माना जाता था। इस फैसले के बाद इस बात की गुंजाइश अब मजबूत हुई है कि वैवाहिक संबंधों में जोर के दम पर संसर्ग को भी कानूनी दायरे में लाया जा सकेगा। सर्वेक्षण बताते हैं कि हमारे देश में 94 फीसदी बलात्कार पीड़िता के परिचितों के द्वारा अंजाम दिए जाते हैं तथा इस बात की 40 गुना अधिक आशंका होती है कि महिला किसी अनजान के बजाय अपने पति द्वारा प्रताड़ित हो इस मुद्दे के विविध पहलुओं पर विश्लेषण किया जाता रहा है।