कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————-यदि संविधान के दायरे में नहीं रहेंगे तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यह बात भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने संविधान दिवस के मौके पर कही। वे 26 नवंबर 2018 को संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि हमारा संविधान इसी दिन बनकर तैयार हुआ था। ’जब इसे लागू किया गया, तो तो हमारे संविधान की काफी आलोचना की गई। सर इवर जेनिंग्स ने भारतीय संविधान को लंबा और पेचीदा बताकर इसकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ’समय ने आलोचना कमजोर कर दी और यह गर्व की बात है कि हमारा संविधान पिछले 7 दशकों से साहस और हिम्मत के साथ खड़ा हुआ है.’ सीजेआई ने आगे कहा कि हमारा संविधान बहुमत और समझदारी की आवाज है. संकट के पलों में ये हमें मार्गदर्शन करना जारी रखता है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया।