कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
ओला और उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलाने का झांसा देकर लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये कथित रूप से ठगने के मुख्य आरोपी संजय भाटी के भाई सचिन भाटी की जमानत याचिका गौतमबुद्धनगर की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश वेद प्रकाश वर्मा की अदालत ने इस कथित फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी संजय के भाई की याचिका को खारिज कर दिया है। सचिन की ओर से 19 मामलों में अग्रिम जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र जयंत ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के चीती गांव निवासी संजय भाटी ने गर्वित फाइनेंस प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई थी। यह कंपनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर 62,200 रुपए प्रति व्यक्ति से ले रही थी। इस कंपनी ने देश के लाखों लोगों से 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए लिए। कंपनी के मालिक एक वर्ष में धन दोगुना करने का लोभ देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे और वे बाद में लोगों का पैसा लेकर भाग गए। इस मामले में गौतमबुद्धनगर सहित देश की कई जगहों पर शिकायत दर्ज है। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार संजय भाटी के भाई सचिन भाटी ने जिला गौतमबुद्धनगर की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। अदालत ने सभी 19 मामलों में जमानत के लिए उसकी याचिका को खारिज कर दिया है।