कानून रिव्यू/नई दिल्ली
बुजुर्ग माता.पिता की देखरेख की जिम्मेदारी अब तक सिर्फ जैविक बेटे.बेटी या दत्तक बच्चों की होती है। किंतु सरकार इसका दायरा बढ़ाकर इसमें बहू, दामाद और पोते.पोतियों को भी शामिल करने जा रही है। सरकार ने संपत्ति के लालच में माता.पिता को अपने पास रखने और फिर प्रॉपर्टी अपने नाम करके उन्हें दर.दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देने वालों पर कार्रवाई की भी योजना तैयार की है। ऐसे लोगों को शिकायत पर माता.पिता की संपत्ति वापस करनी होगी। ये नियम माता.पिता व वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख व उनके कल्याण से जुड़े 2007 के कानून में किए जा रहे संशोधन के हिस्से हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने इस कानून में बदलाव का मसौदा तैयार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों मंत्रालय ने राज्यों से इस प्रस्तावित बिल पर राय मांगी है।