कार्ति चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
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कानून रिव्यू/नई दिल्ली
————————–कीर्ति चिदंबरम ने बेटे के एडमिशन का हवाला देते हुए विदेश जाने के लिए छूट दिए जाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाई है। लुकआउट सर्कुलर मामले में सुप्रीम कोर्ट में को सुनवाई के दौरान वादी-प्रतिवादी में जमकर बहस हुई। सीबीआई ने कोर्ट में फिर दलील दी कि कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की इजाजत नहीं दी जाए, अगर ऐसा होता है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। सीबाआई ने तर्क दिया कि जब वे इससे पहले विदेशी दौरे पर गए थे, तो उन्होंने अपने कई बैंक खाते बंद कर दिए थे. सीबीआई ने कोर्ट में सीलबंद कवर में सबूत भी सौंपते हुए कहा कि इसमें कार्ति की संपत्ति और उनके बैंक खातों का ब्यौरा है।
कार्ति के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई के तर्कों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि कार्ति कोई कानून से भगौड़े नहीं हैं, उनके खिलाफ पुलिस में न तो कोई रिपोर्ट है और न ही कोई सबूत. अगर ऐसा कुछ भी है तो सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करे. कपिल सिब्बल ने मांग की कि लिफाफे में बंद सबूतों को सभी के सामने रखा जाए।
इससे पहले कार्ति के बचाव में उनके पिता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्ति को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब से एनडीए की सरकार सत्ता में आई है, वो राजनीतिक बदले की भावना से उनके और परिवार के खिलाफ खासकर, बेटे कार्ति चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है। कार्ति चिंदबरम की तरफ से कहा गया कि उनकी बेटी के शिक्षण संबंधी काम के लिए उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जाना है ऐसे में उनको जाने की इजाजत दी जाए. कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि विदेश जाकर बैंक संबंधी कोई काम नही करेंगे।
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा अगर आप इन दस्तावेजों को देखेंगे तो चकित रह जाएंगे कि कैसे कार्ति चिंदबरम ने विदेश जा कर सबूतों को नष्ट किया। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिंदबरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. कार्ति ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे का लेनदेन किया और खातों को बंद कर दिया। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लुक आउट सर्कुलर का मतलब ये नहीं कि कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया जाए बल्कि ये कि उनको विदेश जाने से रोका जाए. सर्कुलर केवल दो बातों के लिए जारी किया गया था. पहला की वो कानून के पहुंच से दूर न जा सकें दूसरा, विदेश जा कर सबूतों के साथ छेड़छाड़ न कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर कार्ति चिंदबरम विदेश जाते हैं तो उसके तीन दिन पहले जांच अधिकारी को बताएंगे. ऐसे में आप जो शर्ते उन पर लगाना चाहते हैं आप लगा सकते हैं।