- कानून रिव्यू/ नई दिल्ली
—————————– बैंक लोन के भुगतान में चूक के लिए महिला को गिरफ्तार करने या उसे हिरासत में लेने से रोकने वाले कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर में प्रावधान को खत्म करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि यह संविधान में समानता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर ने इंडियन लॉ कमिशन को भी नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी। अदालत कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 56 को खत्म करने की गुहार लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। यह धारा कर्ज लौटाने में चूक की स्थिति में महिला की गिरफ्तारी या उन्हें हिरासत में लेने पर रोक लगाती है। अनिल कुमार की तरफ से दायर पीआईएल में कहा गया है कि धारा महिलाओं को असमान और अनुचित संरक्षण प्रदान करती है और इस प्रावधान का दुरुपयोग किया जा रहा है।