सिफारिश के 48 घंटे में चार जजों की नियुक्ति
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर 48 घंटे में चार जज नियुक्त हुए हैं। इस पर खुद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी हैरान हैं। शुक्रवार को पत्रकारों से मुलाकात के दौरान इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “मैं भी हैरान हूं। हमने बुधवार को चार जजों के नाम की सिफारिश भेजी थी। शाम को पता चला कि जजों के मेडिकल भी हो गए हैं। रही बात 48 घंटे में चार जजों की नियुक्ति की तो इसका जवाब कानून मंत्रालय ही देगा।
सुप्रीम कोर्ट में 28 पहुंची जजों की संख्या
दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने चार हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश 30 अक्टूबर को भेजी थी। इस पर केंद्र सरकार ने तेजी दिखाते हुए 48 घंटे के अंदर ही सारी सिफारिशें मंजूर कर लीं। राष्ट्रपति ने गुरुवार रात इनकी नियुक्तियों संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह 10.30 बजे चीफ जस्टिस ने चारों जजों को शपथ दिलवाई। इन नियुक्तियों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले अब हिंदी में भी मिलेंगे
चीफ जस्टिस ने कहा कि इस बात पर विचार किया जा रहा है कि कोर्ट के फैसले हिंदी या प्रादेशिक भाषा में अनुवाद करवाकर दिए जाएं। शुरुआत हिंदी से होगी। उन्होंने कहा कि 500-500 पेज के फैसले भी आम आदमी नहीं समझ सकता। वकील के पास भी इतना समय नहीं होता कि फैसला बारीकी से समझाए। चीफ जस्टिस ने कहा कि उनका प्रयास है कि आम लोग कोर्ट के फैसले आसानी से समझ सकें। अपने हक की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लाने वाले बहुत से लोग अंग्रेजी में जारी फैसले समझ नहीं पाते। कोई व्यक्ति 30 साल कानूनी लड़ाई में बहुत कुछ दांव पर लगा देता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला उसे समझ ही नहीं आता।
संक्षिप्त जानकारी देने पर भी हो रहा विचार फैसलों की
इस पर भी विचार किया जा रहा है कि बड़े जजमेंट संक्षिप्त करके लोगों तक पहुंचाए जाएं। यह भी कर सकते हैं कि बड़े जजमेंट की एक पेज की संक्षिप्त जानकारी अलग से आम लोगों को दी जा सके। ऐसे मुद्दे पर विचार के लिए अधिकारियों और जजों का थिंक टैंक बनाया गया है।