• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

logo kanoonreview

  • Home
  • About Us
  • Our Team
    • Editorial
    • Reporters
  • News
  • Crime News
  • Legal News
  • English Articles
  • Hindi Articles
  • Contact Us

भारतीय न्यायपालिका अभी भी जीवित है, और यह है आम आदमी की जीत

10.07.2019 By Editor

अमित जेठवा की हत्या के मामले में बीजेपी के पूर्व सांसद दीनू भाई सोलंकी और 6 अन्य को दोषी ठहराया

कानून रिव्यू/नई दिल्ली

विशेष सीबीआई अदालत ने आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में बीजेपी के पूर्व सांसद दीनू भाई सोलंकी और 6 अन्य को दोषी ठहराया है। यह पाया गया किए ये हत्या इसलिए की गई क्योंकि जेठवा ने गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश की थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश के0 एम0 दवे 11 जुलाई को इस मामले में सजा का ऐलान करेंगे। इस मामले की जांच गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा उस समय केंद्रीय एजेंसी को सौंपी गई थी जब अपराध शाखा ने सोलंकी को क्लीन चिट दे दी थी। अदालत ने वर्ष 2009 से 2014 तक जूनागढ़ के सांसद रहे सोलंकी को उनके चचेरे भाई शिवा सोलंकी के साथ हत्या और साजिश का दोषी पाया। इस मामले में दोषी ठहराए गए अन्य लोगों में शैलेश पंड्याए बहादुर सिंह वढेर, पंचान जी देसाई, संजय चौहान और उडाजी ठाकोर थे। आरटीआई एक्टिविस्ट जेठवा की गोली मारकर की गई थी वर्ष 2010 में जेठवा ने गिर अभयारण्य और आसियाटिक शेर के एकमात्र निवास के आसपास अवैध खनन के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। दीनू सोलंकी और शिवा सोलंकी को जनहित याचिका में प्रतिवादी बनाया गया। जेठवा ने अवैध खनन में उनकी भागीदारी दिखाते हुए कई दस्तावेज प्रस्तुत किए। यहां तक कि जब जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी तो 20 जुलाई 2010 को जेठवा की गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरुआत में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने मामले की जांच की और दीनू सोलंकी को क्लीन चिट दे दी। जांच से असंतुष्ट उच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 में मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नवंबर 2013 में सोलंकी और 6 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। मई 2016 में उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप तय किए गए। अदालत ने पहले मुकदमे के दौरान 196 गवाहों की जांच की। आरोपियों द्वारा धमकी दिए जाने के बाद उनमें से 105 मुकर गए। जेठवा के पिता भीखाभाई जेठवा ने फिर उच्च न्यायालय का रुख किया। हाईकोर्ट  ने वर्ष 2017 में नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया। भीखाभाई ने फैसले को भारतीय न्यायिक प्रणाली और संविधान की जीत के रूप में वर्णित किया। यह साबित होता है कि भारतीय न्यायपालिका अभी भी जीवित है और यहां तक कि सोलंकी जैसे अपराधी को भी न्याय के सामने खड़ा किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह है आम आदमी की जीत है। जेठवा परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले गवाहों में से एक वकील आनंद याग्निक ने यह कहा कि यह एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ एक आम आदमी की जीत है। यह आज स्थापित किया गया है कि भारतीय संविधान और लोकतंत्र इतने शक्तिशाली हैं कि एक ऐसा व्यक्ति भी,जो एक पूर्व सांसद रहा है और जिसने भारत के प्राकृतिक संसाधनों को चुरा लिया है, वह कानून के सामने छोटा है।

Filed Under: News

Primary Sidebar

Go to Youtube!
Kanoon Review
Go to Hotel Twin Towers

RSS Our Latest Youtube Videos

  • भाजपा की जीत की खुशी में बकरी को पेप्सी पिलाते हुए लोग।#news #yt #ytshorts #bjp #trend #viral 03.12.2023
  • सचिन पायलट अच्छे नेता हैं। #news #yt #ytshorts #bjp #rajasthan #sachinpilot 01.12.2023
  • बहुत सुंदर जागरूकता #news #yt #ytshorts #trending #amitrana #viral 26.11.2023
  • वोटिंग के रुझान आना शुरू #news #rajasthan #bjp #congress #yt #ytshorts #election 25.11.2023
  • वर्ल्ड कप फाइनल का बदला आज के मैच में टीम इंडिया ने कंगारुओं के छुड़ाए छक्के । #india #ytshorts #yt 23.11.2023

Copyright © 2023 Managed By : Layerwire