पचास हजार से अधिक ज्वैलरी खरीदने पर नहीं देना होगा पैन कार्ड
- कानून रिव्यू/नई दिल्ली
——————————– दीपावली का तोहफा देते हुए जीएसटी काउंसिल ने ज्वैलर्स को मनी लॉन्ड्रिंग कानून से बाहर कर दिया है। सरकार के इस कदम से अब ज्वैलर्स को खासी राहत मिली है। पचास हजार रुपए से अधिक की ज्वैलरी खरीदने के लिए अब पैन नंबर देने समेत केवाईसी की बाध्यता नहीं होगी। अब पहले की भांति दो लाख रुपए से अधिक की ज्वैलरी खरीदने पर भी ही पैन नंबर देना पड़ेगा। गौरतलब है कि कालेधन पर अंकुश लगाने के मकसद से 23 अगस्त को जैम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के दायरे में लाया गया था। इसके चलते ज्वैलर्स के लिए 50,000 रुपए से अधिक ज्वैलरी खरीदने वाले ग्राहकों की जानकारी वित्तीय एजेंसियों को देना जरूरी हो गया था। इस वजह से पिछले दिनों ज्वैलरी कारोबार में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है कि दिवाली सीजन के मद्देनजर उनको सरकार के इस कदम से बड़ी राहत मिली है। नोटबंदी के बाद से ही ज्वैलरी कारोबार पटरी से उतरा हुआ था। पीएमएलए के दायरे में लाने के बाद से ज्वैलरी कारोबार की कमर टूट गई थी। इस वजह से ज्वैलर्स ने जैम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को पीएमएलए से बाहर करने की मांग की थी।
अडचन से हो रही थी परेशानी
—————————— इनकम टैक्स एक्ट दो लाख तक की कैश सेल को बिना केवाईसी के करने की अनुमति देता है। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 50,000 से अधिक की किसी भी कैश बिक्री को पैन, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट कॉपी जैसे प्रूफ के बिना नहीं किया जा सकता है।
व्यापारियों को मिली राहत
———————————-राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री राजपाल सिंह ने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने जो जीएसटी से जुड़ी मांगे केंद्र के समक्ष रखी थी, उन्हें काफी हद तक तव्वजो मिली है। इससे व्यापारियों और आमजन को फायदा मिलना तय है। कंपोजीशन लिमिट एक करोड़ करना और डेढ़ करोड़ रुपए से कम टर्न ओवर वालों का रिटर्न तीन महीने में दाखिल कराने जैसे कई मुद्दों पर उन्होंने प्रदेश की तरफ से व्यक्तिगत पैरवी की थी। पोलिश कोटा स्टोन की प्राइस घटने, टेक्सटाइल व विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी घटाने का पक्ष राजस्थान ने मजबूती से केंद्र के समक्ष रखा था।
फैसले से उद्योगों को मिलेगा फायदा
————————————–लघु उद्योग भारती राजस्थान के महासचिव महेन्द्र कुमार खुराना ने जीएसटी कौंसिल द्वारा व्यापारियों व उद्योगों को दी गई राहत का स्वागत कर वित्त मंत्री अरूण जेटली का आभार व्यक्त किया है। वित्त मंत्री द्वारा लघु उद्योग भारती की मांग पर छोटे व्यापारियों के लिये त्रैमासिक रिर्टन लागू करने, कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाने, ई-वे बिल को स्थगित करने का उन्होंने स्वागत किया है।
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