बेटी की गवाही कोर्ट में सजा का अहम कारण बनी
–कानून रिव्यू/मध्य प्रदेश
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पांच साल की बेटी ने मां की हत्या में गवाही दी और जिसका कारण यह रहा कि कोर्ट ने 7 लोगों को आजीवन कारवास की सजा सुना दी। मुरैना स्थानीय अदालत ने 33 वर्षीय विवाहिता की हत्या के मामले में मृतका की पांच साल की बेटी की गवाही के आधार पर पति, सास, और ससुर सहित सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अशोक शर्मा ने 33 वर्षीय मनीषा की दहेज के कारण की गई हत्या के जुर्म में पति पवन शर्मा, ससुर हरिशंकर, सास शीला, जेठानी ढकको बाई, जेठ रामनरेश, देवर सोनू और ननद मंजू को दोषी करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सजा दी। जिले के कुम्हेरी गांव की मनीषा की शादी वर्ष 2007 में गंजरामपुर गांव के पवन शर्मा के साथ हुई थी। मनीषा के ससुराल वाले शादी के बाद से उसके देवर की शादी के चढ़ावे के लिए जेवर लाने के लिए कहते थे। इसको लेकर ससुराल के लोगों ने 22 जुलाई 2013 को उसे पीटा और गमछे से उसके गले में फन्दा लगाकर उसकी हत्या कर दी। मनीषा की हत्या के बाद उसके ससुराल के लोगों ने उसकी लाश का बिना पोस्टमार्टम कराए जला दिया। घटना के वक्त मनीषा की 5 वर्षीय लड़की मौके पर ही मौजूद थी और उसने न्यायालय में घटना को बताया। अदालत ने मृतका की नाबालिग लड़की की गवाही को सही माना और अदालत ने सजा सुनाने के बाद सभी अभियुक्तों को मुरैना जेल भेज दिया है।
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