रेप लॉ को जेंडर.न्यूट्रल करने की मांग खारिज
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
———-बलात्कार या गलत मंशा से पीछा करना यानी स्टॉकिंग यौन उत्पीड़न मामले में महिलाओं को भी पुरुषों की तरह दंडित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की याचिका खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सामाजिक परिस्थितियों में बदलाव के साथ संसद कानून बनाता है। यह काम संसद पर छोड़ देना चाहिए।
वकील ऋषि मल्होत्रा की इस याचिका में कहा गया था कि बलात्कार स्टॉकिंग आदि मामले में सिर्फ पुरुषों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है? महिलाओं को क्यों नहीं? महिलाएं भी पुरुष का स्टॉकिंग कर सकती हैं। याचिकाकर्ता वकील का कहना था कि ये सभी कानून जेंडर.न्यूट्रल होना चाहिए।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ याचिकाकर्ताओं की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई। पीठ ने याचिका खारिज कर दी। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपके कहने का मतलब है कि महिला भी पुरुष का स्टॉकिंग कर सकती है, ऐसा कानून नही मानता है किंतु इस पर संसद को विचार करना चाहिए।