मेरठ में समीक्षा बैठक के दौरान डीजीपी ने इसको लेकर दे दी है, हरी झंडी
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/उत्तर प्रदेश
यूपी में अब पुलिस सिपाहियों को दरोगाओं की तरह ही पावर मिलने जा रही है। डीजीपी ने बकायदा यह प्रयोग वेस्ट यूपी में करना शुरू कर दिया गया है। खास कर वेस्ट यूपी के पुलिस महकमे में सिपाही और हेड कांस्टेबल को शिकायतों की जांच और छोटे मुकदमों में सबूत जुटाने का निर्देश दिया जाएगा। डीजीपी ने मेरठ में हुई समीक्षा बैठक के दौरान यह आदेश दिया था। यह निर्णय लंबित मामलों के जल्द निस्तारण के लिए लिया जा रहा है। डीजीपी कार्यालय के सूत्रों की मानें तो थाना क्षेत्र के इलाके में कोई विवाद हुआ या अधिकारियों के पास से कोई जांच थाने पहुंची तो अब दरोगा का इंतजार नहीं होगा। अब सिपाही और हेड कांस्टेबल को भी जांच का अधिकार दिया गया है। मेरठ में समीक्षा बैठक के दौरान डीजीपी ने इसको लेकर हरी झंडी दे दी है। डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि बीट कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल अपने इलाके की स्थिति से वाकिफ हैं और वहां क्या हो रहा है? सब जानते हैं। चूंकि शिकायतों का लगातार दबाव बढ़ता रहता है और इनके निस्तारण में ज्यादा समय लगता है, इसलिए सिपाही और हेड कांस्टेबल को भी जिम्मेदारी देनी चाहिए। इस तरह से शिकायतों पर पीड़ित को तुरंत रेस्पांस मिलेगा और समाधान भी होगा। साथ ही बीट कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल ही कोई बड़ा विवाद हुआ तो इसके लिए जिम्मेदार भी होंगे। इस व्यवस्था को जल्द ही शुरू किया जाएगा।