15 साल के लड़के पर हमले को कैसे सही ठहरा सकते हैं, अगर यह पुलिस की बर्बरता का सबूत नहीं है तो आपको और क्या चाहिए? पीठ ने आगे यह कहा कि अगर कोई वर्दीधारी फोर्स इस तरह से काम करेगी तो यह नागरिकों को भयभीत करेगा जबकि उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद है। कोई भी वर्दीधारी फोर्स ऐसा कैसे कर सकती है? यह नागरिकों को डराता है कि वर्दीधारी फोर्स इस तरह से काम कर रही है। इससे समाज में बेचैनी पैदा होगी। आपको बतौर पुलिस यह बताना होगा कि आप नागरिकों के साथ हैं। यही बच्चों समेत सभी नागरिक चाहते हैं। अदालत ने इन टिप्पणियों के बाद घटना की स्वतंत्र सीबीआई जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है।
कानून रिव्यू/दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को उत्तर पश्चिम दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक टेंपो चालक और उसके नाबालिग बेटे पर कथित हमले के लिए यह कहते हुए फटकार लगाई कि यह पुलिस की बर्बरता का सबूत है और वर्दीधारी फोर्स को ऐसे कार्य नहीं करना चाहिए। न्यायमूर्ति जयंत नाथ और न्यायमूर्ति नजमी वज़ीरी की पीठ ने रविवार को हुई मारपीट का वीडियो देखने के बाद कहा कि आप 15 साल के लड़के पर हमले को कैसे सही ठहरा सकते हैं, अगर यह पुलिस की बर्बरता का सबूत नहीं है तो आपको और क्या चाहिए? पीठ ने आगे यह कहा कि अगर कोई वर्दीधारी फोर्स इस तरह से काम करेगी तो यह नागरिकों को भयभीत करेगा जबकि उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद है। कोई भी वर्दीधारी फोर्स ऐसा कैसे कर सकती है? यह नागरिकों को डराता है कि वर्दीधारी फोर्स इस तरह से काम कर रही है। इससे समाज में बेचैनी पैदा होगी। आपको बतौर पुलिस यह बताना होगा कि आप नागरिकों के साथ हैं। यही बच्चों समेत सभी नागरिक चाहते हैं। अदालत ने इन टिप्पणियों के बाद घटना की स्वतंत्र सीबीआई जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है। पीठ ने संयुक्त पुलिस आयुक्त रैंक के एक अधिकारी से घटना के संबंध में 1 सप्ताह के भीतर एक स्वतंत्र रिपोर्ट मांगी है और मामले को 2 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। रविवार शाम एक टेंपो चालक सरबजीत सिंह और पुलिसकर्मियों के बीच झगड़े के कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वीडियो से पहचाने गए 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम ने कहा कि वह अधिकारियों की कार्रवाई का बचाव नहीं कर रहे हैं। दोनों पक्षों की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की गई है और मामले को जांच के लिए अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि वीडियो से पहचाने गए 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और संयुक्त पुलिस आयुक्त रैंक का एक अधिकारी घटना की स्वतंत्र जांच कर रहा है। अदालत ने अन्य अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्यवाही पर जवाब मांगा हालांकि अदालत इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई। पीठ ने कहा कि हमले में शामिल अधिकारियों में से 8 से 9 स्पष्ट रूप से पहचाने जाने योग्य हैं। पीठ ने पूछा कि इन सभी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अदालत में वीडियो देखने के बाद पीठ ने यह भी कहा कि क्लिप में 5 अधिकारियों को नाबालिग लड़के को सड़क पर घसीटते हुए और लाठी से पीटते हुए दिखाया गया, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? उन 5 अधिकारियों को पहचानें जिन्होंने लड़के के साथ मारपीट की, उसे लाठी से पीटते हुए सड़क किनारे घसीटा और वह भी दिन के उजाले में। वह लड़का निहत्था था और वह केवल अपने पिता को वहां से ले जाने की कोशिश कर रहा था और फिर भी उस बेरहमी से पीटा गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में टेंपो चालक द्वारा पुलिसकर्मियों का तलवार लेकर पीछा करते हुए देखा गया था और दूसरे में अधिकारियों को ऑटो चालक और उसके बेटे को डंडों से पीटते हुए देखा गया था। वकील सीमा सिंघल ने अपनी याचिका में स्वतंत्र सीबीआई जांच के अलावा पुलिस सुधारों के लिए उचित दिशानिर्देशों का निर्धारण करने का अनुरोध किया है ताकि इस तरह के पुलिस क्रूरता और अत्यधिक बल के हिंसक कार्यों,् को रोका जा सके। वहीं वकील संगीता भारती के माध्यम से दायर याचिका में हमले के पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है। याचिका में अदालत से इस मामले की स्टेटस और मेडिकल रिपोर्ट के साथ. साथ मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन से सीसीटीवी फुटेज मंगाने का भी आग्रह किया है। पुलिस द्वारा मामले को लेकर किया गया दावा पुलिस के मुताबिक टेंपो चालक की गाड़ी एक पुलिस वैन से टकरा जाने के बाद यह विवाद हुआ था। पुलिस ने दावा किया कि इस घटना में 8 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने 3 पुलिसकर्मियों को अभद्र व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया था और जांच शुरू की थी।