पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले राम रहीम को उम्रकैद की सजा
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/कानून रिव्यू
हरियाणा
राम रहीम के काले कारनामों का खुलासा करने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने 16 साल बाद राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। राम रहीम के साथ ही हत्या में शामिल उसके तीन सहयोगियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई गई है। इससे अब ये तीनों जेल की सलाखों पीछे अपने किए कर्मो की सजा भुगतेंगे। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की बेटी श्रेयसी छत्रपति ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राम रहीम को फांसी दी जानी चाहिए। श्रेयसी ने कहा कि जिस दिन अदालत की तारीख होती थी उस दिन अंशुल भाई को चंडीगढ़, दिल्ली, अंबाला् कहीं न कहीं आना जाना होता था। हमें अंशुल के लिए डर बना रहा था कि कहीं उसे कुछ न हो जाए, हमें अक्सर धमकियां मिला करती थीं। हमारी लड़ाई एक ऐसे शख्स से थी जो धन और बल से बहुत मजबूत था। उन्होंने बताया कि जब अखबार पूरा सच् ने राम रहीम के खिलाफ रेप की खबर प्रकाशित की थी तो उस दिन अखबार की कॉपी खत्म हो गई थी। जब उस दिन पिता रामचंद्र घर आए तो उन्होंने कहा कि आज पूरा सच ने राम रहीम के विनाश की एक सीढ़ी चढ़ ली। श्रेयसी ने बताया कि उनके पिता ने डायरी में लिखा था मैं अपना कफन अपने साथ लेकर चलता हूं।श्रेयसी ने कहा कि सच के लिए मेरे पिता ने अपनी जिन्दगी दांव पर लगा दी। एक बार भी नहीं सोचा कि उनके साथ क्या होगा? वह अपने मिशन में सक्सेसफुल हुए। श्रेयसी ने कहा कि पिता रामचंद्र उनकी मां से कहते थे कि डरना नहीं चाहिए। वह ज्यादा से ज्यादा क्या करेंगे पैर तोड़ देंगे? 16 साल बाद फैसले पर श्रेयसी ने कहा कि हमने बहुत बेसब्री से इस दिन का इंतजार किया है। 16 साल तक हमने बहुत संघर्ष किया है, राम रहीम दोषी तो है लेकिन हम चाहते हैं कि उसे फांसी दी जाए,् वह उसी का हकदार हैं।