हल्की चोट पर 7 साल और गहरी चोट पर 10 साल का प्रावधान
मौत होने पर दोषियों को होगी आजीवन कारावास की सजा
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
मॉब लिंचिंग रोकने के लिए यूपी सरकार जल्द ही एक नया सख्त कानून बनाने जा रही है। यूपी लॉ कमीशन ने इस बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। लॉ कमीशन की सचिव सपना त्रिपाठी की मानें तो आयोग ने भीड़ तंत्र की हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार को विशेष कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि 128 पन्नों वाली एक रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में राज्य में भीड़ तंत्र द्वारा की जाने वाले हिंसा की घटनाओं का हवाला दिया गया है। गाजीपुर जिले के प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ जल्द की कड़ा कानून लाया जाएगा। मॉब लिंचिंग में पीड़ित को हल्की चोट आने पर दोषी को 7 साल की सजा, गंभीर चोट आने पर 10 साल की सजा और पीड़ित की मौत हो जाने पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मॉब लिंचिंग में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिजन को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी। यूपी के कानून मंत्री के मुताबिक ऐसी घटनाओं में जिले के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। पिछले कुछ दिनों में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद स्टेट लॉ कमीशन ने प्रदेश सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी। यूपी लॉ कमीशन ने मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के लिए विशेष क़ानून बनाने की सिफ़ारिश की है। लॉ कमीशन का मानना है कि अभी जो कानून हैं वो पर्याप्त नहीं है। अगर कमीशन की रिपोर्ट पर कानून बना तो फिर मॉब लिंचिंग में मौत होने पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।