कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
विवाहिता को जला कर मार डालने के मामले में दोष सिद्ध होने पर मौसिया सास और ससुर को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई गई है। जालौन की जिला अदालत में अपर सत्र न्यायधीश ईसी एक्ट श्रीप्रकाश तिवारी ने मौसिया सास और ससुर को 10-10 साल सजा और 10-10 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल ने बताया कि झांसी जनपद के मोंठ थाना क्षेत्र के जरहा खुर्द निवासी केशवदास ने कैलिया थाने में 16 अप्रैल 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने बेटी दीपा 28 की शादी 8 साल पहले कैलिया थाना क्षेत्र के सुनाया निवासी बेनीप्रसाद पुत्र हरदास के साथ की थी। दीपा की ससुराल में मौसिया ससुर शीतला प्रसाद व उनकी पत्नी तेजा भी रहती थी। दीपा की सास त्रिवेणी, मौसिया ससुर शीतला प्रसाद व उनकी पत्नी तेजा उसे परेशान करते थे। 15 अप्रैल 2015 की रात शीतला प्रसाद ने दीपा के ऊपर मिट्टी का तेल डाल दिया और तेजा ने जलती हुई माचिस की तीली फैंक दी, जिससे वह आग का गोला बन गई और उसकी मौत हो गई। इस मामले में दीपा ने मृत्यु पूर्व बयान में कहा था कि घटना वाले दिन उसकी तबियत ठीक नहीं थी, जिस कारण वह खेत पर नहीं जाना चाहती थी। इसी बात पर मौसिया ससुर व उनकी पत्नी झगडने लगे और फिर देखते ही देखते दोनों ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। हालांकि दीपा के घरवालों ने सगी सास व शीतला प्रसाद के बीच भी संबंध होने का आरोप लगाया था। घरवालों की तहरीर पर पुलिस ने मौसिया सास और ससुर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ईसी एक्ट श्रीप्रकाश तिवारी ने शीतला प्रसाद व उनकी पत्नी तेजा को 10-10 साल के कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।