
नोएडा भूमि आवंटन घोटाले के आरोपी चीफ इंजीनियर यादव सिंह की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 जून को होगी सुनवाई


कानून रिव्यू/ इलाहाबाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा भूमि आवंटन घोटाले के आरोपी चीफ इंजीनियर यादव सिंह की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खंडपीठ ने दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 12 जून को होगी। उसी दिन याचिका की ग्राह्यता पर हुई आपत्ति पर भी सुनवाई होगी। कोर्ट ने याची अधिवक्ता से याचिका की पोषणीयता पर कानूनी पक्ष रखने को कहा है। सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व एडवोकेट संजय यादव ने प्रारंभिक आपत्ति की। कहा कि रिमांड आदेश के खिलाफ चुनौती के विकल्प हैं। ऐसे में याचिका पोषणीय नहीं है। यादव सिंह के अधिवक्ता विक्रम चैधरी का कहना है कि सीबीआई अदालत ने अपील, वाद आदि दायर करने की मियाद निलंबित करने के अंतरिम आदेश को समझने में गलती की है। यदि रिमांड आदेश देखने में ही अवैध लग रहा है तो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पोषणीय होगी। लखनऊ खंडपीठ ने याचिका यह कहते हुए वापस कर दी कि इसे हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में दाखिल किया जाए। चार्जशीट वैधानिक अवधि में दाखिल हुई या बाद मे, इस बिंदु पर कोर्ट ने कोई विचार नहीं किया इसलिए याचिका पोषणीय है। इस पर कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है।