इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत भारत के मिसिंग पायलट को छोडना ही होगा
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ कानून रिव्यू
नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना की ओर से किए गए आंतकवादी ठिकानों पर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की सूचना मिल रही है। इसी बीच पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसे एफ-16 विमान भारत में घुसे थे और दो विमान को मार गिराया था। उन्होंने दावा किया था कि उसने भारत के एक पायलट को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इसी बीच केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बयान दिया है कि अगर अमेरिका ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मार सकता है तो कुछ भी संभव है। अरुण जेटली ने कहा कि आज के हालात जैसे हैं, उसमें कुछ भी संभव है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कि जिस तरीके से देश हमारे साथ खड़ा है उससे लगता है कि ऐसे समय में सब कुछ मुमकिन हैं। इससे ऐसा लगता है कि अब पूरी तरह से युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं और कभी भी कुछ भी हो सकता है। भारत में पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर दिया है।. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बयान दिया है, कि पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ कर सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान का एक फाइटर प्लेन मार गिराया. इस कार्रवाई के दौरान दुर्भाग्यवश भारत ने एक मिग-21 विमान खोया है, जिसका पायलट लापता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ’पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत का एक पायलट उसके पास है, हम इसकी जांच कर रहे हैं। यहां यदि बात युद्ध के नियम कानूनों की जाए तो किन्हीं दो देशों के बीच चाहे जितनी भी दुश्मनी क्यों न हो अगर उनका कोई सैनिक एक दूसरे का युद्धबंदी बन जाता है तो उस पर कुछ इंटरनेशनल प्रोटोकॉल लागू होता है। जिसके तहत न तो उससे पूछताछ की जबरदस्ती की जा सकती और न ही धमकी दी जाएगी. खाने-पीने का इंतजाम करना उन्हें बंधक बनाकर रखने वालों की जिम्मेदारी होगी। युद्धबंदी को वही मेडिकल सुविधाएं भी हासिल होंगी जो उसके सैनिक को मिलती हैं. जेनेवा कन्वेंशन के तहत उसे ये अधिकार हासिल होगा. भारत का एक पायलट मिसिंग है, अगर वो पाकिस्तान के कब्जे में चला जाता है तो अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत उसे भी यही अधिकार हासिल होगा। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोसायटी एंड पॉलिटिक्स के निदेशक प्रोफेसर एके वर्मा का कहना है कि किसी भी युद्धबंदी को उसकी रैंक के हिसाब से प्रोटोकॉल मिलता है. क्योंकि उसकी किसी देश से पर्सनल समस्या नहीं है, बल्कि वो उस कंट्री के लिए लड़ रहा होता है जिसमें वो पैदा होता है या फिर जिसमें रह रहा होता है,. उसे कोई भी देश क्रिमिनल नहीं ट्रीट कर सकता. ऐसा करना वियना कन्वेंशन का उल्लंघन होता है. ऐसा करने से उनकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर फजीहत होती है. वैसे आमतौर पर कोई भी देश ऐसा नहीं करता क्योंकि उसका सैनिक भी किसी देश में युद्धबंदी हो सकता है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट नचिकेता पाकिस्तान के कब्जे में चले गए थे,. वो कारगिल वार के अकेले युद्धबंदी थे उनकी रिहाई के लिए भारत सरकार ने कोशिश की. तब उन्हें रेडक्रॉस के हवाले कर दिया गया, जो उन्हें भारत वापस लेकर आई।
हमारे कब्जे में सिर्फ 1 पायलट
पहले पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था उनके कब्जे में भारतीय वायुसेना के दो पायलट हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस दावे की पुष्टि की थी। बुधवार को पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बयान दिया कि पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ कर सैन्य ठिकानों पर हमला किया. भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान का एक फाइटर प्लेन मार गिराया. विदेश मंत्रालय ने सूचना दी कि इस कार्रवाई के दौरान दुर्भाग्यवश भारत ने एक मिग-21 विमान खोया है, जिसका पायलट लापता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ’पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत का एक पायलट उसके पास है, हम इसकी जांच कर रहे हैं.।
भारत ने हथियार खरीदने के लिए मंजूर किए 2700 करोड़ रुपये
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) की बैठक में लगभग 2700 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण खरीद को मंजूरी दी गई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) की बैठक में लगभग 2700 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण और हथियार खरीद को मंजूरी दी गई है. भारतीय नौसेना के लिए तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है, जिसका इस्तेमाल प्रशिक्षु महिला अधिकारियों समेते अधिकारी कैडेट को बुनियादी समुद्री प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा. आपको बता दें कि जब युद्ध जैसे हालात होते है तो हथियार खरीदने के लिए काउंसिल पैसों की मंजूरी देती है। नया जहाज अस्पताल के कार्यों को पूरा करने में सक्षम होंगे. इन जहाजों के जरिए मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने, खोज और बचाव (एसएआर) मिशन और गैर-लड़ाकू बचाव कार्यों को किया जा सकेगा। डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल-हथियारों की खरीदारी का फैसला करता है।. बुधवार की मीटिंग में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2700 करोड़ रुपये के हथियार और रक्षा उपकरण खरीदने को मंजूरी दी है। ये फैसला ऐसे वक्त लिया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत ज्यादा है। इससे ऐसा लगता है कि अब पूरी तरह से युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं और कभी भी कुछ भी हो सकता है।