बिजनौर कोर्ट शूट आउट केस में इलाहबाद हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के बिजनौर की सीजेएम कोर्ट में हुए सनसनीखेज शूटआउट के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से खासी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को 20 दिसंबर को तलब किया है। कोर्ट ने सुओ मोटो संज्ञान लिया है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस सुनीत कुमार की विशेष खंडपीठ ने इस केस की सुनवाई। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि जिला न्यायालयों में सुरक्षा के लिए सरकार की क्या योजना है और वहां कैसे करेंगे सुरक्षा के चुस्त दुरुस्त उपाय। कोर्ट ने कहा कि अगर ये न कर सकें तो भी बताएं ताकि फिर केंद्र सरकार से सुरक्षा के लिए कहा जाए। गौरतलब है कि 17 दिसंबर-2019 को बिजनौर की सीजेएम कोर्ट में पेशी पर आए हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी पर तीन युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इसमें हिस्ट्रीशीटर शहनवाज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका साथी जब्बार मौके से फरार हो गया। गोलीकांड में एक कोर्ट मोहर्रिर और दिल्ली पुलिस का एक सिपाही भी घायल हो गया। कोर्ट मोहर्रिर को गंभीर हालत में मेरठ रैफर किया गया है। पुलिसकर्मियों ने तीनों हत्यारोपियों को मौके से ही दबोच लिया, इनमें से एक आरोपी हाजी अहसान का बेटा है। एसपी बिजनौर ने इस मामले में कचहरी पुलिस चौकी बिजनौर को सस्पेंड कर दिया है। यहां चौकी इंचार्ज समेत 14 पुलिसकर्मी तैनात थे। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि यूपी को हिला देने वाली इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी साहिल ने पुलिस से कहा कि उसके पिता का इंतकाम पूरा हो गया है।