पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपराधिक वारदातें बढने पर सरकार को घेरा
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
—–भाजपा ने पिछले साल जिस कानून व्यवस्था के नाम पर उत्तर प्रदेश की सत्ता से अखिलेश यादव को बेदखल किया था, अब वही मुद्दा सीएम योगी आदित्यनाथ के गले की फांस बनता जा रहा। सूबे की राजधानी में लगातार डकैतियां हो रही है और योगी सरकार इसे नियंत्रण करने में पूरी असफल नजर आ रही है। ऐसे में प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को समाजवादी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को एनकाउंटर करने की खुली छूट दी है। आंकडों पर नजर डाले तो सूबे में पिछले दस महीनों में यूपी पुलिस और अपराधियों के बीच 921 इनकाउंटर हुएए जिसमें करीब 31 अपराधी मारे गए। वहीं 196 घायल हुए। इसके अलावा 2214 अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं। यूपी पुलिस की ऑपरेशन क्लीन मुहिम के बावजूद सूबे की कानून व्यवस्था सुधरी नहीं है। पिछले एक सप्ताह में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हर रोज डकैती हो रही है और पुलिस इसे रोक पाने में पूरी तरह से असफल नजर आ रही है। इतना ही नहीं पुलिस एक भी डकैत को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के नाम पर घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव पिछले एक सप्ताह से हर रोज सूबे की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। गत 25 जनवरी 2018 को सपा का प्रतिनिधिमंडल इस संदर्भ में राज्यपाल राम नाईक से भी मिला। इसके बाद अखिलेश ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल करते हुए कहा कि लगता है राज्यपाल का टाइपराइटर छुट्टी पर चला गया है। गौरतलब है कि अखिलेश सरकार के समय राज्यपाल राम नाईक लगातार सपा सरकार की विपलताओं पर सवाल खड़े करते थे। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने सूबे की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का ठेका लिया था, पर एक साल की घटनाओं को देखें तो यूपी में ऐसी दर्दनाक घटनाएं हुई हैं जो सूबे के इतिहास में कभी नहीं हुई होंगी। अखिलेश ने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि अपराधी यूपी छोड़कर बाहर चले जाए या फिर जेल में चले जाएं। दूसरी तरफ लगातार सूबे में अपराधिक घटनाएं हो रही है। भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के नेता कहते थे कि थाना कौन चला रहा है, योगी सरकार अब बताए कि थाना कौन चला रहा है। उत्तर प्रदेश में डकैत बेखौफ हैं और जनता खौफ में जी रही है। जबकि होना इसका उलटा चाहिए। प्रदेश की जनता हत्या, लूटमार की घटनाओं से डरी.सहमी है। डकैतों के लिए आशीर्वादी मुद्रा में खड़ी ये सरकार प्रदेश को अराजकता के गर्त में धकेल रही है।