देश की प्रीमियम जांच एजेंसी सीबीआई इस वक्त अपने घर में करप्शन के घोर आरोपों से जूझ रही है। 15 अक्टूबर को सीबीआई ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ केस दर्ज कराया था। सीबीआई ने इस मामले में कहा था कि एक केस को रफा-दफा करने के लिए उन्होंने 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। इधर अस्थाना ने कहा कि रिश्वत उन्होंने नहीं सीबीईआई के निदेशक आलोक वर्मा ने ली, अपने खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर से नाराज अस्थाना ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————-सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है वहीं सीबीआई ने सारी शक्तियां छीन ली हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी सबूतों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को दिन में 2 बजे होगी। वहीं सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को अदालत ने इस मामले में 7 दिन की हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई के पदानुक्रम में राकेश अस्थाना दूसरे नंबर पर थे। हालांकि, वे स्पेशल डायरेक्टर अब भी हैं, लेकिन इस पद के साथ मिलने वाली शक्तियां अब उनके पास नहीं रह गई हैं। आलोक वर्मा की इस कार्रवाई का असर यह भी हुआ है कि राकेश अस्थाना अब किसी केस के साथ नहीं जुड़े रहेंगे। सीबीआई में वह स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को हेड कर रहे थे.।यह टीम विजय माल्या केस, मोईन कुरैशी केस और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर चल रहे केस की जांच कर रही थी। देश की प्रीमियम जांच एजेंसी सीबीआई इस वक्त अपने घर में करप्शन के घोर आरोपों से जूझ रही है। 15 अक्टूबर को सीबीआई ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ केस दर्ज कराया था। सीबीआई ने इस मामले में कहा था कि एक केस को रफा-दफा करने के लिए उन्होंने 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। इधर अस्थाना ने कहा कि रिश्वत उन्होंने नहीं सीबीईआई के निदेशक आलोक वर्मा ने ली, अपने खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर से नाराज अस्थाना ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।