भरतपुर रियासत के राजा मान सिंह की मौत के मामले मथुरा जिला एवं सत्र न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर का फैसला
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
भरतपुर रियासत के राजा मान सिंह की मौत के मामले में 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है गया है। इन पुलिसकर्मियों की सजा ऐलान मथुरा कोर्ट मेंं किया गया है। कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के अनुसार, धारा 148 में 2 वर्ष का कारावास और 1 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है. धारा 302, 149 में आजीवन कारावास और 10 हज़ार जुर्माना लगाया गया है। वहीं अदालत के फैसले पर राजा मानसिंह के परिजनों ने खुशी जाहिर की है.। राजा मान सिंह की बेटी दीपा ने इस दौरान कहा कि न्याय देर से ही मिला पर मिला., मगर दोषियों को बिल्कुल सही सजा मिली है। वहीं, आरोपी पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। गत 21 जुलाई को जिला जज साधना रानी ठाकुर ने फैसला सुनाते हुए 11 पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 148, 149 और 302 के तहत दोषी पाया था। तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी और एसओ वीरेंद्र सिंह सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया। वहीं अदालत ने जेडी में हेरफेर के आरोपी 3 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया। गौरतलब है कि वर्ष 1985 में भरतपुर के राजा मानसिंह भरतपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे। इससे, एक दिन पहले उन्होंने राजस्थान के तत्कालीन हेलीकॉप्टर में अपनी जीप से जोरदार टक्कर मारी थी। राजा मान सिंह की मौत के मामले में फैसला आने में 35 वर्ष लग गए। इसे न्यायिक व्यवस्था की लेटलतीफी ही माना जाएगा। वर्ष 1985 के राजा मान सिंह की मौत का बहुचर्चित मामले में फैसला देते हुए मथुरा की अदालत ने 11 पुलिस कर्मियों को दोषी ठहराया गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह मामला इस कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था।