संघ प्रमुख की मोदी सरकार को ललकार
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
आम चुनावों के आते ही अब राम मंदिर का अचानक याद आनी शुरू हो गई है। जब पूरे पांच वर्ष सत्ता सुख भोगते हुए यही कहा जाता रहा कि राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है कोर्ट के अनुसार ही आगे का कदम उठाया जाएगा। पहले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अब स्वंय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर का राग अलापना शुरू कर दिया है। राम मंदिर के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। मोहन भागवत ने साफ कर दिया है कि मोदी सरकार राम मंदिर बनवाने के लिए कानून लाए ताकि भगवान श्री राम का अयोध्या में भव्य मंदिर बन सके। विजयादशमी कार्यक्रम के मौके पर मोहन भागवत ने सबरीमाला, एससी-एसटी समुदाय, शहरी माओवाद, पाकिस्तान और रक्षा मुद्दे से लेकर राम मंदिर पर अपनी बेबाक राय रखी। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश के रक्षा बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है।. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वहां नई सरकार आ जाने के बावजूद सीमा पर हमले बंद नहीं हुए है।. वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा कि राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा। राम मंदिर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कुछ लोग राजनीति की वजह से जानबूझकर मंदिर मामले को आगे खींचते जा रहे हैं। मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्म भूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए. सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए। राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है। मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा। राम मंदिर हिन्दू-मुसलमान का मसला नहीं है। यह भारत का प्रतीक है और जिस भी रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, मंदिर का निर्माण होना चाहिए।