7 साल कैद और 50000 रुपये जुर्माने की सजा से सिट्टी पिट्टी गुम
कानून रिव्यू/पंजाब
———————नाबालिग के साथ पहले रेप के मामले में जेल हुई, जेल के बाद फिर प्यार भी हो गया। यहां तक की शादी हुई और तोर और एक बच्चे का बाप भी बन गया। इन सबके बावजूद अब सजा का ऐलान हो गया। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अब यह कपल सकते में आ गया है। यह अनोखा मामला पंजाब के मोगा में प्रकाश में आया है। इसे सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसलए साल 2013 में एक नाबालिग लड़के ने नाबालिग लड़की का रेप किया। इस संबंध में पीड़ित लड़की के पिता ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई। इसी दौरान जमानत पर आरोपी लड़का जेल से बाहर आ गया। वह पीड़िता के घर पहुंचा। उससे मिलकर अपने किए की माफी मांगी। इसके बाद दोनों मिलने.जुलने लगे और मुलाकात का सिलसिला प्यार में तब्दील हो गया। कुछ दिन तक प्रेम प्रसंग चला फिर दोनों ने 4 जुलाई 2017 को कोर्ट मैरिज कर लिया और दोनों पति.पत्नी की तरह रहना शुरू कर दिया। उन दोनों का एक बेटा भी है, लेकिन लड़की के पिता द्वारा साल 2013 में दर्ज कराया गया रेप का केस कोर्ट में चलता रहा। कई बार लड़की ने अपने पति के पक्ष में कोर्ट में दलील भी दी। लेकिन वह काम नहीं आईं। आखिर 5 साल पुराने इस मामले में एडिशनल सेशन जज ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगाने का दोषी करार देते हुए 7 साल कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी की मां को कोर्ट ने बरी कर दिया है। सजा के बाद अब इस कपल की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है।
गौरतलब है कि पुलिस ने 2013 में पलविंदर और उसकी मां जसविंदर कौर पर जमींदार की साढ़े 17 साल की बेटी को फुसलाकर भगाने का केस दर्ज किया था। इस केस के दर्ज होने के बाद पुलिस ने दोनों को ढूंढ लिया था। पुलिस ने मेडिकल करवाया और कोर्ट में 164 के बयान दर्ज करवाकर युवक पर रेप की धारा भी जोड़ दी। पलविंदर को कोर्ट ने जेल भेज दिया। गत 24 अगस्त 2015 को रेप के आरोपी पलविंदर सिंह को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन दोनों में फिर से प्यार पनपने लगा। इसके बाद दोनों ने 4 जुलाई 2017 को मोगा कोर्ट में शादी दर्ज करवा ली। इधर आरोपी लड़के के खिलाफ अदालत में केस चलता रहा। चूंकि केस लड़की के पिता द्वारा दायर किया गया था। जिस समय केस दर्ज हुआ था, उस समय लड़की नाबालिग थी। वहीं लड़की ने अदालत में पति का पक्ष लेने की काफी कोशिश की, लेकिन अदालत उसकी दलीलों से सहमत नहीं हुई। इसके बाद आरोपी को इस मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।