कानून रिव्यू/नई दिल्ली
………………………………. उत्तर प्रदेश में 385 अंग्रेजी शराब की दुकानों पर पूरा खतरा मंडरा रहा है हालांकि बंदी का यह संकट कुछ वक्त के लिए टल गया है। यूपी में फिलहाल खरीदते ही दुकान में खड़े होकर शराब पीने का नियम लागू रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी जिसमें नियम को गलत ठहराते हुए प्रदेश सरकार से विदेशी शराब की माडल शाप्स के लाइसेंस रद्द करने को कहा गया था। न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के गत 22 सितंबर के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने प्रदेश सरकार की याचिका दिसंबर के दूसरे सप्ताह में विस्तृत सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया। इससे प्रदेश की ओर से पेश एएसजी तुषार मेहता व एडीशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि एक्साइज कमिश्नर ने कानून में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए नियम बनाया है। उन्होंने कहा कि अगर वे कोर्ट को अपनी बात नहीं समझा पाए तो वे नियमों में बदलाव करने के लिए राजी हैं लेकिन अभी फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी जाए क्योंकि इससे प्रदेश में इंडियन मेक विदेशी शराब की 385 माडल शॉप्स बंद हो जाएंगी। सरकार पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा। करीब 1221.72 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।
याचिका में सरकार ने कहा है कि शराब खरीदने के बाद दुकान पर ही खड़े होकर पीने या वहां से ले जाने का नियम 3 एक्साइज कमिश्नर ने कानून की धारा 41 में मिली शक्तियों के तहत जारी किया है न कि धारा 24.ए के तहत। सरकार ने सोच समझ कर 2011 में नियम संशोधित कर दुकान पर खड़े होकर पीने या वहां से ले जाने का नियम बनाया है। 31 मार्च 2011 को सेटेलमेंट आफ लाइसेंस फार माडल शाप आफ फारेन लिकर रुल 2003 में संशोधन कर जोड़ा गया रुल 3ए दुकान से शराब खरीद कर वहीं खड़े होकर पीने की इजाजत देता है। हाईकोर्ट ने गत 22 सितंबर को स्वत संज्ञान ले एक जनहित याचिका का दायरा बढ़ा दिया था और यूपी एक्साइज एक्ट के तहत बने रूल 3 को गलत ठहरा दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि रुल 3 एक्साइज एक्ट के रूल 24.ए के खिलाफ है। इसलिए प्रदेश सरकार ने रूल 3 के तहत विदेशी शराब की माडल शाप को जितने भी लाइसेंस दिये हैं उन पर धारा 35 के तहत कार्रवाई करे। धारा 35 लाइसेंस रद करने की बात कहती है।