

धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020-में 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान



मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ उत्तर प्रदेश
लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कानून का फैसला किया गया था। लव जिहाद के नाम पर लड़कियों तथा महिला से धर्म परिवर्तन कराने के बाद अत्याचार करने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी है। अब यदि किसी भी महिला या युवती के साथ ऐसा हुआ तो उत्पीडन करने वाले सीधे सलाखों के पीछे होंगे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद पर अध्यादेश पास कर दिया है। यूपी कैबिनेट की बैठक में यह अध्यादेश पास किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले ही ऐलान किया था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे जिससे लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर गुमराह किए जाने की घटनाओं को रोका जा सके। उत्तर प्रदेश कैबिनेट, उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020- लेकर आई है। यूपी के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था। हालांकि विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें लव जिहाद शब्द का जिक्र नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है। यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल का कहना है कि दो अलग.अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एक फैसले में महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध ठहराया था। प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। विवाह के लिए धर्म परिर्वतन आवश्यक नहीं है। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि सरकार एक प्रभावी कानून बनाएगी। इस कानून के जरिए सरकार नाम, पहचान और अपना धर्म छिपाकर बहन बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों से सख्ती से पेश आएगी।